Kovind Birthday

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    नयी दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ranmanth Kovind) आज अपना 76 वां जन्मदिन मना रहे हैं। यूँ तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बचपन गरीबी में ही गुजरा। लेकिन इन सभी मुसीबतों को पार करते हुए कोविंद आज जिस मुकाम पर खड़े हैं, जहां उनकी कलम से अब हिंदुस्तान की तकदीर भी लिखी जाती है। देश के इन 14वें राष्ट्रपति के जन्मदिन (President Ranmanth Kovind Birthday0 पर अगर हम उनके पूरे जीवन के सफर पर नजर डालें तो हम एक ऐसी शख्सियत को देखते हैं जिसने कठिन संघर्ष से आज देश के सर्वोच्च नागरिक का पद पाया है। भारत के 13 वे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पश्चात 25 जुलाई 2017 को भारत के 14वे राष्ट्रपति के रूप में कोविंद ने शपथ ग्रहण की।आज उनके 76वें जन्मदिन पर उन्हें थोडा और करीब से जानते हैं।

    बाल्यकाल, जीवन और कैरियर

    वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। यूँ तो उनका जन्म एक बहुत ही साधारण परिवार में हुआ था। उस वक्त देश अंग्रेजों का गुलाम था। ऐसे में उस समय उस समय किसी भी दलित का सफर काफी मुश्किलों भरा होता था। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों में भी उनके परिवार ने उन्हें पढ़ाया लिखाया जिसे कोविंद ने भी अपनी म्हणत से आत्मसात किया। इसका नतीजा ये रहा कि सारी दुश्वारियों और दुश्कारों को अपनी म्हणत से पीछे करके कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के गांव परौंख में जन्मे रामनाथ कोविंद ने सर्वोच्च न्यायालय में वकालत से अपनी स्वर्णिम करियर की शुरुआत की थी।

    सदा जीवन उच्च विचार 

    आपको ये भी बता दें कि गरीबी की वजह से बचपन में कभी रामनाथ कोविंद 6 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे और फिर पैदल ही 6 किलोमीटर वापस घर भी लौटते थे। आज इसी गांव में रहने वाले रामनाथ कोविंद के साथियों को जहां उनकी काबिलियत पर बहुत नाज और अभिमान है। वहीं कोविंद की दरियादिली के भी वो बहुत बड़े कायल हैं। कभी गरीबी में पैदा हुए रामनाथ कोविंद आगे चलकर एक नामी वकील भी हुए। इसके बाद वह बिहार के राज्यपाल भी बने, लेकिन जायदाद के नाम पर उनके पास आज भी कुछ नहीं है। हाँ गाँव में जरुर एक घर था, वो भी तो उन्होंने अपने प्यारे गांववालों को दान कर दिया।

    इस तरह हुई थी कोविंद की राजनीति में एंट्री

    कोविंद की राजनीति में बड़ी एंट्री साल 1994 में हुई, जब वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद साल 2006 तक वह दो बार संसद के ऊपरी सदन के सदस्य रहे। पेशे से वकील कोविंद ने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी की है। इतना ही नहीं कोविंद, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव भी रह चुके हैं। इसके साथ ही बीजेपी ने उन्हें अपना राष्ट्रीय प्रवक्ता भी नियुक्त किया था। वहीं वे बीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष पद की भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। साथ ही वह ऑल इंडिया कोली समाज के अध्यक्ष रह चुके हैं।