Fake police
फाइल फोटो

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    पुणे : चरस तस्करी मामले में पुणे ग्रामीण पुलिस (Pune Rural Police) की राजगढ़ पुलिस (Rajgarh Police) ने एक आरोपी को खेड़ शिवापुर टोल नाका से हालिया गिरफ्तार (Arrested) किया था। उसका नाम  मुस्ताकी रजाक धुनिया (30) है।  उसे पूछताछ के लिए गोवा (Goa) ले जा रहे थे, तभी सोमवार को पुलिस (Police)  के कब्जे से उसके भाग निकलने की जानकारी सामने आई। पुणे ग्रामीण पुलिस के अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि की है। अब गोवा में आरोपी की तलाश की जा रही है।

    8 अक्टूबर को पुणे के मुंबई-बंगलुरु हाइवे पर राजगढ़ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुस्ताकी को हिरासत में लेकर उसके पास से 6 किलो चरस जब्त किया था। आरोपी ने यह चरस अपने बैग में छिपा रखा था।  राजगढ़ पुलिस ने छह किलो चरस की कीमत 32  लाख रुपए बताई है, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में इसकी कीमत साढ़े 3 करोड़ से अधिक है।आरोपी मुस्ताकी को कोर्ट में पेश किया गया था।उसके नेपाल से होने की वजह से चरस तस्करी के इंटरनेशनल स्तर पर कनेक्शन की तस्करी की जांच की जरूरत बताकर उसके लिए पुलिस कस्टडी देने की मांग सहायक सरकारी वकील विशाल मुरलीकर ने की। 

    पुलिस के कामकाज को लेकर उठ रहे प्रश्न

    पुलिस कस्टडी मंजूर होने के बाद आगे की पूछताछ के लिए उसे राजगढ़ पुलिस और पुणे क्राइम ब्रांच उसे गोवा ले गई थी। पुलिस टीम उसे रविवार की सुबह म्हापसा से लेकर गई। यहां एक निजी होटल में आरोपी मुस्ताकी को रखा गया था। यहां पर वह राजगढ़ के पुलिस उपनिरीक्षक मनोजकुमार नवसरे, हवलदार महेश खरात, संतोष तोड़कर, शरद धेंडे, पुणे क्राइम ब्रांच के पुलिस उपनिरीक्षक अमोल गोरे, मंगेश भगत, अमोल शेडगे, पूनम गुंड की कस्टडी में था। सोमवार की सुबह पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी जब सोकर उठे तब आरोपी मुस्ताकी वहां नहीं था। वह हथकड़ी के साथ वहां से फरार हो गया। इसके कारण पुलिस के काम करने के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। गोवा के चरस रैकेट मुंबई, बिहार के पटना और नेपाल तक फैला है। इस मामले की आगे की जांच कैसे की जाएगी? इसे लेकर आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने म्हापसा पुलिस स्टेशन में आरोपी के फरार होने की शिकायत दर्ज कराई है।