अमरावती. कोरोना के कम हुए आंकड़ों के बीच राज्य सरकार ने मंदिरों को लेकर दी छूट से नवरात्रि के नौ दिनों में बाजार में जबरदस्त रौनक रही. खासकर नवमी के दिन विजयादशमी की पूर्व संध्या पर बाजार गुलजार रहे. कपडे, इलेक्ट्रानिक सामान, खाद्य सामग्री, पूजा सामग्री, खिलौने आदि समेत हर प्रकार की दूकानों पर दिनभर रिकार्ड भीड़ रही. मानो खरीदी में लोग कोरोना काल के दो वर्षों की कसर निकाल रहे है.
मार्केटों में भीड़ के चलते शहर के हर प्रमुख चौक-चौराहे और मार्गों पर ट्राफिक जाम की स्थिति रही. वहीं दो वर्षों से मंदी झेल रहे व्यापारियों के चेहरों पर बड़े दिनों बाद रौनक देखी जा रही है. दशहरा की तैयारियों के लिए भले ही बड़ी संख्या में लोग घर से बाहर निकले है. विजयादशमी के दिन सीमोल्लंघन यात्रा के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं होने से इस वर्ष भी समिति ट्रस्टियों की उपस्थिति में अंबा और एकविरा देवी का सीमोल्लंघन कर परंपरा को अबाधित रखा जाएगा.
नवमी पर हुए होम हवन
नवरात्रि के अंतिम चरण में गुरुवार को नवमी पर मंदिरों समेत अनेक घरों में हवन किया गया है. इसी तरह अंबा, एकविरा देवी संस्थान में भी हवन किया गया. नवमी पर अनेक घरों पर कन्या भोज का कार्यक्रम भी किया गया. जिसमें बालिकों को नवदुर्गा मानकर उनका पूजन व भोजन कराया जाता है. पूरे नौ दिनों तक उपवास रखने वाले भक्तों ने भी मां की आराधना कर व्रत छोड़ा.
आज सोना लेने-देने का दौर
दशहरे पर सोना (शमी की पत्तियों) लेने देने की परंपरा इस पर्व की गरीमा और उत्साह को दुगुना करती है. पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते रिश्तेदारों, मित्र संबधियों के घर सोना देने जाए या नहीं इस बात को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति थी. लेकिन इस वर्ष कोरोना प्रकोप काफी कम होने के कारण और सरकारी पाबंदियों में ढील के कारण दो दशहरे बाद जमकर सोना लेने देने का दौर चलेगा. जिसके लिए गुरूवार और शुक्रवार को शमी के पत्ते खरीदने लोगों की भीड उमड पडी है.
सीमोल्लंघन यात्रा की अनुमति नहीं
कोरोना के कारण इस वर्ष भी प्रशासन ने सीमोल्लंघन यात्रा की अनुमति नहीं दी है. लेकिन दशहरे के दिन सीमोल्लंघन की परंपरा को अबाधित रखने के लिए इस वर्ष भी अंबादेवी व एकवीरा की प्रतिमाओं को दो अलग अलग कार में रखकर सीमित ट्रस्टियों व पुजारियों के साथ यह परंपरा निभाई जाएगी. – विद्या देशपांडे, अध्यक्ष, अंबादेवी संस्थान