जिप का विश्राम गृह उपेक्षा का शिकार, स्वच्छ भारत मिशन की हो रही अनदेखी

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    देवरी. नागरिकों का स्वास्थ्य सुदृढ़ रहे इसके लिए केंद्र व राज्य शासन द्वारा स्वच्छता पर जोर दिया जा रहा है. इस योजना अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन भी क्रियान्वित किया जा रहा है. लेकिन जिप स्वच्छता की अनदेखी कर रही है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देवरी तहसील में स्थित जिप का विश्राम गृह है.

    इस विश्राम गृह के परिसर में घास उग आई है. विश्राम गृह जीर्ण शीर्ण अवस्था में दिखाई दे रहा है. जबकि देखभाल व दुरूस्ती पर जिप हर वर्ष लाखों रु. खर्च कर रही है. जिससे यह खर्च कहां जाता है ऐसा सवाल भी खड़ा हो रहा है. जिले में अनेक स्थानों पर जिप के विश्राम गृह है. इन विश्राम गृहों की देखभाल दुरूस्ती के काम बांधकाम विभाग के पास है.

    इसके लिए तांत्रिक यंत्रणा भी है. विशेषकर कनिष्ठ अभियंता इसके लिए कार्यरत है. इतना ही नहीं हर वर्ष जिप के बजट में विश्राम गृह की देखभाल व उसकी दुरूस्ती के लिए लाखों रु. का प्रावधान अलग से किया जाता है. लेकिन यह प्रावधान केवल कागजों पर होने की बात जिप के जीर्ण विश्राम गृह को देखकर स्पष्ट हो रही है.

    देवरी स्थित जिप का विश्राम गृह मुख्य मार्ग पर है. जिससे देवरी में आने जाने वाले नागरिकों सहित अधिकारियों के लिए विश्राम का प्रमुख साधन है. इस ओर सार्वजनिक बांधकाम विभाग का दुर्लक्ष होने से विश्राम गृह कोई काम का नहीं रह गया है. इसी में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अभियान संचालित किया जा रहा है. सार्वजनिक स्वच्छता सहित व्यक्तिगत स्वच्छता के संदर्भ में जिप की यंत्रणा के माध्यम से संदेश दिया जाता है. लेकिन दिया तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ हो रही है.

    देवरी के मुख्य मार्ग पर बना यह विश्राम गृह झाडिय़ों से ढक गया है. इस विश्राम गृह परिसर में 8 से 10 फीट घास, कर्कट तैयार हो गया है. जिससे परिसर में सांप, बिच्छुओं के होने का खतरा निर्माण हो गया है. इस इमारत की देखभाल व दुरूस्ती नहीं होने से विश्राम गृह दयनिय अवस्था में है. इस विश्राम गृह की ओर दुर्लक्ष करने वाले अभियंता के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग देवरी वासियों ने की है.