नागपुर. कोरोना काल में राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विवि द्वारा ऑनलाइन परीक्षाएं योग्य तरीके से ली गई. इसके लिए विवि की प्रशंसा भी हुई लेकिन अब विवि प्रशासन दोबारा टेंडर जारी न कर ब्लैक लिस्टेड कंपनी को काम देने की जिद पकड़े हुये है. विवि द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई महाराष्ट्र नॉलेज कार्पोरेशन लिमिटेड अर्थात एमकेसीएल को फिर से परीक्षा का काम देने की तैयारी की जा रही है.
इस संबंध में सीनेट की बैठक में प्रश्न उपस्थित किये जाने पर उपकुलपति ने खुद बताया कि एमकेसीएल को काम देने के संबंध में मैं तैयारी कर आया हूं. इससे साफ हो गया कि उप कुलपति पूरी तरह प्लानिंग कर चुके हैं. इतना ही चर्चा के बाद एमकेसीएल के कामकाज के अध्ययन के लिए दो सदस्यीय समिति भी गठित की गई. बैठक में एड. मनमोहन बाजपेयी ने प्रोमार्क के संबंध में गठित की गई समिति की रिपोर्ट मांगी थी. इस पर प्रशासन ने रिपोर्ट नहीं दी, बल्कि उसकी प्रति कार्यवृत्त में जोड़ दी गई.
इस बारे में कुछ और जानकारी परीक्षा व मूल्यमापन मंडल के संचालक डॉ. प्रफुल्ल साबले ने दी. २०१८ में ई-टेंडरिंग द्वारा प्रोमार्क को काम मिला. उस वक्त तीन वर्ष का करार किया गया था. बाद में इसे और बढ़ाया गया. अभी करार की कालावधि पूर्ण नहीं हुई है. इसके बाद भी नई कंपनी को ठेकेदार देने के लिए किसी भी तरह का टेंडर जारी न कर सीधे तौर पर सीनेट में मुद्दे को रखा गया.
प्रश्नोत्तर के दौरान इस मुद्दे पर सीनेट में जोरदार चर्चा भी हुई. सदस्यों ने अपना पक्ष रखा. बाद में उपकुलपति ने भी एमकेसीएल की जरूरत को प्रखरता से रखा. सदस्यों का कहना था कि परीक्षा पद्धति पर विश्वसनीय होना चाहिए.