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  • धाम में रानी अहिल्याबाई, भारत माता, कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्तियां भी होंगी स्थापित
  • रानी अहिल्याबाई के बाद पीएम मोदी ने किया काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देने का काम
  • 2014 के चुनाव में मोदी ने कहा था, मुझे मां गंगा ने यहां बुलाया है

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वाराणसी : काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) धर्म (Religion) के साथ-साथ राष्ट्रीयता का प्रतीक बनने जा रहा है। गंगा (Ganga) और बाबा विश्वनाथ के मध्य राष्ट्रीयता का प्रतीक भी दिखाई देगा। जो दुनिया में काशी को नई पहचान देगा। काशी विश्वनाथ धाम में रानी अहिल्याबाई, भारत माता, कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्तियां भी स्थापित होंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर में शिव भक्तों के लिए विश्वनाथ धाम की सौगात देंगे। विश्वनाथ धाम के विकास, विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण से दर्शन सुगम और सरल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का आठ मार्च 2019 को शिलान्यास किया था। जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में पूरा करने में सफल हो रहे हैं। 

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाया 

काशी में विश्वनाथ और गंगा एक बार फिर से एकाकार हो रही है। बाबा के दरबार और अविरल निर्मल गंगा के मध्य राष्ट्रीयता की प्रतीक भारत माता की मूर्ति भी दिखेगी। कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी काशी विश्वनाथ धाम के भव्य प्रांगण में स्थापित की जाएगी। यही नहीं 1669 में बाबा के दरबार का पुनरोद्धार करने वाली रानी अहिल्याबाई की मूर्ति भी विश्वनाथ धाम में स्थापित होगी। धर्म और राष्ट्रीयता का एक साथ पूरी दुनिया में पताका फैलाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाया है।

कॉरिडोर के जरिए मंदिर के पुरातन स्वरूप को साकार किया गया 

रानी अहिल्याबाई के बाद 352 सालों बाद काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देने का काम वाराणसी के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। 2014 के चुनाव में मोदी ने कहा था मुझे मां गंगा ने बुलाया है। तब ये कोई नहीं सोंच पाया था कि काशी में बाबा विश्वनाथ और गंगा का एकाकार हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदृष्टि से बाबा दरबार से गंगधार तक कॉरिडोर के जरिए मंदिर के पुरातन स्वरूप को साकार किया गया है।

339 करोड़ रूपये की लागत से भव्य आनंद वन का निर्माण हो रहा है

भगवान शंकर की त्रिशूल पर बसी मोक्ष की नगरी काशी में बाबा के  प्रांगण की भव्य तस्वीर सामने दिखने लगी है। 50,200 वर्ग मीटर में 339 करोड़ रूपये की लागत से भव्य आनंद वन का निर्माण हो रहा है। सुरक्षा, म्यूजियम, फैसिलेशन सेंटर, बनारस गैलरी, मुमुक्ष भवन, वैदिक केंद्र, मल्टीपर्पज हाल। स्प्रिचुअल बुक सेंटर, यात्री सुविधा केंद्र भोगशाला, गेस्ट हाउस जैसे 24 भवन का निर्माण हो रहा है। जिससे दुनिया भर से आने वाले शिव भक्तों को काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन, जप-तप  करने में सुरक्षा, सुविधा, सुगमता और स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी से बाबा और मां गंगा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्भुत कारीगरी भी देखने को मिलेगी।