नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग मंगलवार को लोकसभा में उठाई और कहा कि सरकार को इन किसान परिवारों को उनका अधिकार देना चाहिए। राहुल गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाया और लोकसभा के पटल पर करीब 500 किसानों की एक सूची भी रखी और दावा किया कि इन लोगों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश जानता है कि किसान आंदोलन में करीब 700 किसान शहीद हुए। प्रधानमंत्री जी ने देश और किसानों से माफी मांगी। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने गलती की है। 30 नवंबर को कृषि मंत्री से सवाल (लोकसभा में लिखित प्रश्न) पूछा गया था कि कितने किसानों की मौत हुई। उन्होंने जवाब दिया कि उनके पास कोई डेटा नहीं है।”
We found out that Punjab Govt has given Rs 5 Lakh compensation for around 400 farmers; also provided jobs for 152 of them. I have the list. We have made another list of 70 farmers from Haryana. Your govt says that you don’t have their names: Congress MP Rahul Gandhi in Lok Sabha pic.twitter.com/mlnbZPlAs5
— ANI (@ANI) December 7, 2021
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘ हमने इन किसानों के बारे में पता लगाया। पंजाब की सरकार ने राज्य के करीब 400 किसानों को मुआवजा दिया है। मैं इन किसानों की सूची और प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले हरियाणा के कुछ किसानों की एक सूची सदन के पटल पर रख रहा हूं।” कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ये नाम यहां हैं। मैं चाहता हूं कि इन किसानों को हक मिलना चाहिए। उनके परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए।”
राहुल ने कहा कि हमने पता लगाया कि पंजाब की सरकार ने लगभग 400 किसानों को 5 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया और उनमें से 152 किसानों को रोज़गार दिया। हमने हरियाणा के 70 किसानों की भी सूची बनाई है। मैं चाहता हूं कि इनका हक पूरा होना चाहिए और उनको मुआवज़ा और रोज़गार मिलना चाहिए।
गौरतलब है कि सरकार ने गत 30 नवंबर को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आसपास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों की संख्या संबंधी आंकड़ा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास नहीं है।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी थी। राजीव रंजन सिंह, टी आर प्रतापन, एन के प्रेमचंद्रन, ए एम आरिफ, डीन कुरियाकोस, प्रो. सौगत राय और अब्दुल खालीक ने पूछा था कि तीन कृषि कानून के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के आसपास आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई। तोमर ने कहा, ‘‘कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले में कोई आंकड़ा नहीं है।”(एजेंसी इनपुट के साथ)