UP में अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बढ़ाएंगे एक्सप्रेस-वे

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    लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) अपने दूसरे कार्यकाल में यूपी (UP) को देश में नंबर एक बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसको मूर्तरूप देने में एक्सप्रेस-वे (Expressway ) की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए योगी सरकार (Yogi Govt.) ने अपने पहले कार्यकाल से ही प्रयास शुरू कर दिए थे। बीजेपी (BJP) ने अपने संकल्प पत्र में एक्सप्रेस-वे के निर्माण को प्राथमिकता पर रखा है। ये एक्सप्रेस-वे केवल आवागमन का माध्यम नहीं, बल्कि प्रदेश के विकास की जीवन रेखा बनेंगे। 

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में निरंतर प्रयास किए हैं, जिसका परिणाम यह है कि आज उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। योगी सरकार कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था के विकास के लिए जरूरी मानते हुए अपने पहले ही कार्यकाल में ही एक्सप्रेस-वे के निर्माण को गति प्रदान की। कोरोना जैसी महामारी के कारण उत्तर प्रदेश समेत पूरा देश दो साल तक प्रभावित रहा, बावजूद इसके कुशल प्रबंधन से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा कर लिया गया। 

    बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का काम लगभग 90 % पूरा हो चुका 

    योगी सरकार का दूसरे कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे नेटवर्क के निर्माण को रिकॉर्ड समय में पूरा करने का लक्ष्य है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस का काम लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जल्द ही जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ेगी, उसका भी काम कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे की लंबाई 594 किमी होगी। इसके लिए भी कार्यवाही तेजी से जारी है।

    लोगों को उपलब्ध होगा रोजगार

    गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे का काम भी युद्धस्तर पर जारी है। प्रदेश सरकार एलिवेटेड कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी पूरा कराने के लिए प्रतिबद्ध है। एक्सप्रेस-वे बनने से आवागमन और माल ढुलाई लोगों के लिए सुगम हो जाएगा। प्रदेश सरकार एक्सप्रेस-वे के विकास के साथ ही उसके अगल-बगल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बनवा रही है, ताकि अर्थव्सवस्था को गति मिले और लोगों को रोजगार उपलब्ध हो।