नयी दिल्ली. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोमवार को कहा कि यूरोप यह सुनिश्चित करेगा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस का “अकारण और अनुचित” हमला एक ‘‘रणनीतिक विफलता” साबित हो। उन्होंने कहा कि इस पर दुनिया की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य तय करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रायसीना संवाद में अपने संबोधन में लेयेन ने यह भी कहा कि यूक्रेन में जो हो रहा है उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा।
लेयेन ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के परिणाम न केवल यूरोप के भविष्य को निर्धारित करेंगे, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और शेष दुनिया को भी बहुत अधिक प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए यह जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही यूरोप के लिए भी महत्वपूर्ण है कि सीमाओं का सम्मान किया जाए और प्रभुत्व कायम करने की प्रवृत्ति को खारिज कर दिया जाए।
Outcome of the war won't only determine the future of Europe but also deeply affect Indo-Pacific region & the rest of the world. For the Indo-Pacific region, it is as important as for Europe that borders are respected & the spheres of influence are rejected: Ursula von der Leyen pic.twitter.com/5GxB0PyE3Z
— ANI (@ANI) April 25, 2022
लेयेन ने कहा, ‘‘यूक्रेन में जो हो रहा है उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा। यह पहले से ही है। कोविड-19 महामारी से दो साल से पीड़ित देशों को अब (व्लादिमीर) पुतिन की पसंद के युद्ध के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में अनाज, ऊर्जा और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से निपटना होगा।” यूक्रेन के खिलाफ युद्ध पर मॉस्को की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी यूरोपीय देश की तस्वीरों ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है और दुनियाभर में शांति एवं सुरक्षा को रेखांकित करने वाले मूल सिद्धांत एशिया के साथ-साथ यूरोप में भी दांव पर हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यूरोप में, हम रूस के हमले को हमारी सुरक्षा के लिए सीधे खतरे के रूप में देखते हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यूक्रेन के खिलाफ अकारण और अनुचित आक्रमण एक रणनीतिक विफलता साबित हो।”
लेयेन ने कहा कि इस पर दुनिया की प्रतिक्रिया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य तय करेगी। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने रूस और चीन के बीच ‘‘कोई सीमा नहीं” वाली दोस्ती का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘रूस और चीन ने एक ‘अनियंत्रित समझौता’ किया है। उन्होंने घोषणा की है कि उनके बीच दोस्ती की कोई सीमा नहीं है।” यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) की भारत को स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटलीकरण सहित व्यापक क्षेत्रों में पेशकश पारदर्शी और मूल्यों से प्रेरित होगी तथा नयी दिल्ली के साथ साझेदारी को सक्रिय करना इस दशक में ब्लॉक की ‘प्राथमिकता’ है। (एजेंसी)