नई दिल्ली: विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने 52 किलोग्राम भारवर्ग में थाईलैंड की जितपोंग जुटामेंस को हराकर भारत का परचम लहराया। उनकी तारीफ हर कोई कर रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने भी उन्हें बधाई दी और उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा, निकहत जरीन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई हैं। उन्हें पेरिस ओलंपिक के लिए खुद को तैयार करना चाहिए, स्वर्ण जीत सकती हैं।
Delhi | Nikhat Zareen has become the fifth Indian woman boxer to win a gold medal in a world championship. She should get herself ready for Paris Olympics, can win a gold: Union Minister Kiren Rijiju pic.twitter.com/j7oVWor8Se
— ANI (@ANI) May 20, 2022
बता दें कि, भारत की इस बेटी ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 52 किलोग्राम भारवर्ग में थाईलैंड की जितपोंग जुटामेंस एकतरफा अंदाज में 5-0 से मात दी। इसके साथ ही निकहत भारत की पांचवीं महिला मुक्केबाज बन गईं, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हालांकि, उसने यह मुकाम हासिल कर लिया हो लेकिन उसका यह सफर काफी संघर्षो से भरा हुआ था। उन्हें अपने करियर की शुरुवात में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
निकहत ने बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया था, लेकिन उनके पिता ने कहा था कि, बॉक्सिंग महिलाओं के लिए नहीं है, समाज यही सोचता है और यह पुरुषों का खेल है। जिसके बाद निकहत ने अपने पिता की बात गलत साबित करने की ठानी और अपना अलग मुकाम हासिल किया।
निकहत समेत इन्होने इससे पहले जीते मैडल
निकहत से पहले दिग्गज एम सी मैरीकॉम ने 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018 में खिताब जीते थे। इसके अलावा 2006 में सरिता देवी, जेनी आर एल और लेखा केसी ने अपने-अपने भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
2022 में किया कमाल
निकहत स्त्रान्दजा मेमोरियल में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनीं। निकहत ने इस दौरान टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली मुक्केबाज को भी परास्त किया था। जिसके बाद विश्व चैंपियनशिप में अपने सभी मैच एकतरफा अंदाज में जीतते हुए निकहत ने भारत को चार साल बाद स्वर्ण पदक दिलाया।