Pakistan violates ceasefire in Kathua, Jammu and Kashmir
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    श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में मासूम नागरिकों की आतंकवादियों (terrorists) द्वारा हो रहे लगातार हत्या के चलते सरकार के पांव फूलते दिखाई दे रहें हैं। घाटी में खासकर कश्मीरी पंडितों को एक बार फिर लगातार टारगेट किया जा रहा है। जिसे देखते हुए जम्मू-कश्मीरी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। प्रशासन ने घाटी के कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) समुदायों के 177 अध्यापकों का सुरक्षा दृष्टिकोण से घाटी के बाहर ट्रांसफर का आर्डर दे दिया गया है।इन शिक्षकों की नई नियुक्ती जिला मुख्यालयों के विद्यालयों पर किया गया है।

    विदित है इस टारगेट किलिंग को लेकर कश्मीरी पंडितों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन भी किया है। आंदोलनकारी कश्मीरी पंडितों के लिए ठोस सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है। जिसको देखते हुए मोदी सरकार ने कुछ कारगर कदम उठाएं हैं।सरकार ने टीचरों के तबादले के अलांवा नागरिकों की कड़े सुरक्षा उपायों का प्रबंध करने का ली है। कि सरकार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करे। इधर, जम्मू-कश्मीरी प्रशासन ने कश्मीरी पंडित समुदाय के 177 टीचर्स का ट्रांसफर घाटी से बाहर कर दिया है।

    इसके पहले घाटी में आतंकवादियों से मुठभेड़ से में तीन सेना के जवान और एक नागरिक घायल हुआ था। बीते शनिवार को कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल का आतंकवादी कमांडर निसार खांडे कार्रवाई में मारा गया है। आतंकवादी के पास से 1 एके 47 राइफल सहित हथियार और गोला-बारूद और आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुआ है। घाटी में लगातार मुठभेड़ चल रहा है। सेना मासूम नागरिकों का हिफाजत करते हुए आतंकवादियों का सफाया कर रही है। 

    बीते शुक्रवार को गृह मंत्रीं अमित शाह ने एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी, जिसमें जम्मू कश्मीर पुलिस डीजी दिलबाग सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिंहा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख पंकज सिंह, nsa अजीत डोभाल आदि मौजूद थें। जनता की सुरक्षा को लेकर इस बैठक में विशेष रणनीति बनाई गई है।