निकाय चुनावों में अखिलेश के सामने होंगे शिवपाल, राष्ट्रपति के चुनाव में मुर्मू के समर्थन के बाद अब निकाय चुनाव अकेले लड़ेंगे

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    – राजेश मिश्र

    लखनऊ : विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में कई छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सियासी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अपनों के साथ ही छोटे दलों (Small Parties) की नाराजगी आने वाले समय में उनकी पेशानी पर बल जरुर देगा। 

    अभी संपन्न विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन की साथी महान दल ने साथ छोड़ दिया। फिर आज़म खान की नाराजगी की भी चर्चा खूब जोरों पर रही।इसके बाद राज्यसभा चुनाव के बाद और रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों में सपा उम्मीदवारों की हार के बाद सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सपा मुखिया से खफा हो गए। 

    चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेंगे शिवपाल सिंह यादव

    पार्टी और गठबंधन नेताओं की नाराजगी की चर्चा अभी खत्म नहीं हुई थी कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने यूपी में नगर निकाय और महापौर चुनाव अखिलेश यादव की सपा से अलग होकर लड़ने का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश में आगामी नवंबर में होने वाले महापौर और नगर निकायों के चुनाव में मैदान में वह अपने उम्मीदवार उतारेंगे। 

    शिवपाल यादव ने कहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव की उपेक्षा के कारण वह जल्द ही पूरे प्रदेश में अपनी प्रगतिशील समाज पार्टी के संगठन को सक्रिय कर सूबे में होने वाले महापौर और नगर निकायों के चुनाव में मैदान में सपा के प्रत्याशियों के खिलाफ प्रसपा के उम्मीदवार खड़ा करेंगे। 

    पार्टी के किसी बैठक में नहीं बुलाया

    शिवपाल का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उन्हें मनाने घर पर आए थे और साथ मिलकर चुनाव लड़ने और भविष्य में सम्मान देने की बात कहकर हमें राजी किया था। अखिलेश यादव की बात में आकर हमने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। हमारे चुनाव जीतने के बाद भी अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी। पार्टी के किसी बैठक में नहीं बुलाया। ऐसे में अब आगामी नवंबर में होने वाले उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में प्रसपा अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगी। 

    जल्द ही सभी को इन दलों के बारे में पता चल जाएगा

    उनका कहना है कि जल्द ही प्रसपा के संगठन को वह दोबारा खड़ा कर लेंगे और कई अन्य छोटे दल भी उनके साथ आएंगे। यह छोटे दल कौन है? इसका उन्होंने खुलासा नहीं किया। यह जरुर कहा की जल्दी ही सबको इन दलों के बारे में पता चल जाएगा। शिवपाल ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट देने का बात भी कही है। शिवपाल के अनुसार सपा मुखिया अखिलेश यादव उनसे कभी राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए वोट नहीं मांगा ना ही उन्हें मीटिंग में बुलाया गया। एनडीए ने उन्हें भोज पर बुलाया और वोट मांगा तो उन्होंने समर्थन देने की हामी भर दी है।