तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने से औरंगाबाद वासी खुश

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    औरंगाबाद : महाराष्ट्र में मुुंबई (Mumbai), ठाणे (Thane) के बाद सबसे अधिक ताकद शिवसेना (Shiv Sena) की औरंगाबाद में आज भी बरकरार है। बीते करीब 30 सालों से शिवसेना-बीजेपी की युति थी। इस युति में ढाई वर्ष पूर्व दरार आने के बाद राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) शिवसेना को कमजोर करने के लिए हर बार नया-नया पैंतरा अपनाते है। इन पैतरों में उन्हें कामयाबी मिलती है। राज्य के शिंदे सरकार के हुए मंत्रिमंडल विस्तार में औरंगाबाद (पूर्व) के बीजेपी विधायक अतुल सावे (MLA Atul Save) को बीजेपी (BJP) आलाकमान ने दुबारा मंत्री बनाया है। सावे मराठवाड़ा से बीजेपी के एक मात्र मंत्री चूने गए है। औरंगाबाद में शिवसेना की ताकद कमजोर कर बीजेपी और अधिक मजबूती देने के लिए सावे को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। अतुल सावे के मंत्रिमंडल में शामिल होन से औरंगाबाद के विकास को चार चांद लगने के कयास लगाए जा रहे है। वैसे, बीजेपी की ओर से सावे के अलावा शिंदे गुट से पैठण के विधायक संदिपान भुमरे, सिल्लोड के विधायक अब्दुल सत्तार को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिलने से औरंगाबाद वासियों में खुशी की लहर है। 

    करीब तीन वर्ष पूर्व राज्य के तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के पांच महीने पूर्व विधायक अतुल सावे को राज्य मंत्री बनाया था। उसके बाद विधानसभा चुनाव के बाद युति में आयी दरार और शिवसेना ने कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सत्ता स्थापना के चलते सावे का दूबारा मंत्री बनने का सपना अधुरा रह गया था। लेकिन, गत महीने स्थापित हुए शिंदे-फडणवीस सरकार ने हुए नए मंत्रिमंडल विस्तार में अतुल सावे को कैबिनेट मंत्री बनाया।डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जिले में बीजेपी को और ताकद देकर मजबूती देने के लिए सावे को मंत्री बनाया। उधर, आज भी औरंगाबाद जिले में उध्दव ठाकरे की शिवसेना की ताकद मजबूत है। गत महीने शहर के दौरे पर आए युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे के दौरे में शिवसैनिकों का उत्साह उफान पर था। जिले के शिवसेना के 5 विधायक शिंदे गुट में शामिल होने के बाद शिवसेना की ताकद कमजोर होने का ढिंढोरा शिवसेना के विरोधियों द्वारा पीटा जा रहा था। परंतु, आदित्य ठाकरे ने औरंगाबाद का दौरा कर शिवसैनिकों में जान फूंकी है। विशेषकर, जिले के 5 विधायकों ने पार्टी से बगावत के बावजूद जमीनी स्तर पर शिवसेना को मामूली नुकसान हुआ है। ऐसे में औरंगाबाद पूर्व के विधायक अतुल सावे के अलावा शिंदे गुट के संदिपान भुमरे और अब्दुल सत्तार को कैबिनेट मंंत्री बनाकर शिवसेना को कमजोर करने का खेल खेला गया है। इन तीन मंत्रियों की नियुक्ति से शिवसेना पर क्या असर होगा, यह आने वाला समय बतायेगा। 

    लोकसभा के लिए सावे मजबूत दावेदार 

    वैसे, करीब पौने दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अतुल सावे को औरंगाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार के रुप में देखा जा रहा है। सावे उच्च शिक्षित होने के चलते वे लोकसभा के लिए बीजेपी की ओर से मजबूत दावेदार भी हो सकते। गत करीब 30 सालों में बीजेपी ने शिवसेना के साथ रहकर अपनी पकड़ शहर और जिले में बनायी है। 8 वर्ष पूर्व जब देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की कमान संभाली थी, तबसे उन्होंने औरंगाबाद पर अपना लक्ष्य केन्द्रीत किया था। सीएम रहते उन्होंने शहर की बदहाल सड़को को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निधि उपलब्ध कराया था। इन दिनों बीजेपी का उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ 36 आंकड़ा है। औरंगाबाद जिले में शिवसेना की ताकद कमजोर करने के लिए सावे को मंत्री बनाने की चाल फडणवीस ने खेली है। सावे के सहारे बड़े पैमाने पर शहर और जिले में विकास कार्यों को निधि उपलब्ध कराया जाएगा। निधि उपलब्ध कराकर औरंगाबाद में विकास कार्य कराए जाएंगे। ताकि, आगामी महानगरपालिका, जिला परिषद, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शिवसेना को कमजोर कर बीजेपी की साख अधिक मजबूत की जाए। 

    उद्योगों को मिलेंगे बढ़ावा 

    सावे को मंत्रिमंडल में शामिल करते ही सबसे अधिक खुशी शहर के उद्योजकों को हुई है। क्योंकि, सावे खुद एक उद्यमि है। करीब तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन फडणवीस सरकार के काल में उन्हें उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया था। सावे शहर और परिक्षेत्र के उद्यमियों की समस्याओं से बखुबी वाकिफ है। ऐसे में सावे के कैबिनेट मंत्री बनने से औरंगाबाद में उद्योगों को बढ़ावा मिलने के कयास राजनीतिक जानकार लगा रहे है। इधर, सावे ने नियुक्ति के बाद कहा कि मराठवाड़ा का गत ढाई साल से रुका हुआ विकास दुबारा शुरु होगा। पिछले समय मुझे सिर्फ पांच महीने मंत्री बनने का अवसर मिला था। इस बार बड़ा अवसर दुबारा पार्टी आलाकमान ने मुझे दिया है। इसका फायदा मैं मराठवाड़ा के विकास के लिए उठाऊंगा। 

    सावे की नियुक्ति पर जश्न 

    उधर, शहर के विधायक अतुल सावे को मंत्रिमंडल में शामिल करते ही बीजेपी के शहर ईकाई की ओर से गुलमंडी परिसर में जश्न मनाया गया। वहीं, सावे के औरंगाबाद पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में भी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। शहर के बजरंग चौक में बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पटाखों की आतिशबाजी कर मिठाईयां बांटकर जश्न मनाया। इधर, सावे को मंत्रिमंडल में शामिल होने पर उनकी माता ने भी खुशी जताई। उन्होंने बताया कि आज सुबह ही मैंने अतुल सावे से फोन पर बात की थी।