बिजली चोरों पर एक्शन की तैयारी में महावितरण

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    जलगांव : बिजली चोरी (Electricity Theft) के कारण नियमित बिजली बिल (Electricity Bill) का भुगतान करने वाले ईमानदार बिजली उपभोक्ता बिजली दरों में वृद्धि के बोझ से दबे हैं। ऐसे ईमानदार और नियमित बिजली बिलों का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना आवश्यक है, इसलिए महावितरण (Mahavitaran) ने बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की रोक लगा दी है। इसके अनुसान महावितरण की एक्शन टीमों ने अप्रैल से जून-2022 तक तीन महीने की अवधि के दौरान 131 करोड़ 50 लाख की बिजली चोरी के 2 हजार 625 मामलों का खुलासा किया है। महावितरण के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने बिजली चोरी और बिजली के दुरूपयोग और अन्य अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के साथ ही बिजली चोरों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने के लिए संभाग स्तर पर दस और नई भरारी टीमें गठित करने के महावितरण के व्यवस्थापकीय संचालक विजय सिंघल ने निर्देश दिया है। 

    बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

    महावितरण के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने हाल ही में सुरक्षा और प्रवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर बोलते हुए सिंघल ने कहा कि महावितरण की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसलिए उन्होंने निर्देश दिया कि भरारी की टीमें अधिक कुशलता से काम करें और बिजली चोरी पर लगाम लगाएं। इस बैठक में सुरक्षा और प्रवर्तन विभाग के कार्यकारी निदेशक (प्रभारी) कमांडर (सेवानिवृत्त) शिवाजी इंदलकर के साथ सुरक्षा और प्रवर्तन विभाग के अधिकारी मौजूद थे। 

    वर्तमान में महावितरण के सुरक्षा और प्रवर्तन विभाग में 63 भरारी दस्तों के साथ आठ प्रवर्तन इकाइयाँ कार्यरत हैं। इन भरारी टीमों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान अप्रैल, मई और जून की पहली तिमाही के दौरान 239.58 मिलियन यूनिट बिजली चोरी के 2,625 मामलों का खुलासा किया है और रुपए का जुर्माना वसूला है। विजय सिंघल ने यह भी निर्देश दिये कि बकाया बिलों की राशि संबंधितों से जल्द से जल्द वसूल की जाये। 

    हर महीने सामने आए बिजली चोरी के करीब 20 मामले

    कोंकण क्षेत्रीय कार्यालय-22 के अंतर्गत पुणे क्षेत्रीय कार्यालय-14, नागपुर क्षेत्रीय कार्यालय-15 और औरंगाबाद क्षेत्रीय कार्यालय-12 भरारी टीमें कार्यरत हैं। इसमें 20 भरारी दस्ते शामिल हैं जिन्हें नवंबर-2021 से संभागीय कार्यालय स्तर पर शुरू किया गया है। भरारी की हर टीम ने हर महीने बिजली चोरी के करीब 20 मामले उजागर किए हैं।