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    अकोला. सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं सर्वोपचार हॉस्पिटल में प्राइवेट कंपनी ‘क्रिस्टल’ के अंतर्गत कार्यरत ठेका कर्मियों का वेतन पिछले सात महीनों से लटका है. नवरात्रि, दशहरा व दीवाली जैसे त्यौहारों के मुहाने पर इतनी महीनों से वेतन न मिलने के चलते कर्मचारियों के लिए भोजन के पैसे जुटाना भी मुश्किल हो गया है. इसके बावजूद भी उक्त कर्मचारी लगातार कार्यरत हैं. सर्वोपचार हॉस्पिटल में उक्त कंपनी के करीब 45 ठेका कर्मचारी कार्य कर रहे हैं.

    बकाया वेतन के विषय में कंपनी अधिकारियों से पूछे जाने पर उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिलता. जोर देने पर नौकरी से निकाले जाने की धमकी भी दी जाती है. यह आरोप ठेका कर्मियों ने लगाया है. मगर अब बड़े-बड़े त्यौहार आ रहे हैं. दिवाली जैसे त्यौहार के लिए कुछ ही दिन बाकी हैं. नवरात्रि महोत्सव शुरू हो चुका है. भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके कर्मचारी कम से कम बकाया वेतन दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

    अन्य कंपनियों के ठेका कर्मियों का वेतन अटका

    जीएमसी एवं सर्वोपचार अस्पताल में क्रिस्टल के अलावा कुछ अन्य कंपनियों के भी कर्मचारी कार्यरत हैं. उनमें से भी कई कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन लटके हुए हैं. महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत कार्यरत युवा प्रहार कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें भी वेतन के लिए दो से तीन महीनों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है.