नागपुर. बोगस पेंशनधारकों के खातों में मृत पेंशनधारकों की पेंशन राशि जमा कर लाखों की हेराफेरी करने वाली पारशिवनी पंचायत समिति शिक्षा विभाग की महिला लिपिक सरिता नेवारे ने कितने वर्षों से कितनों खातों के माध्यम से कितनी राशि का गबन किया यह जानकारी अब बोगस खाताधारकों के बैंक स्टेटमेंट से सामने आएगी. जानकारी मिली है कि प्रशासन ने संबंधित बैंकों से उन सभी 18-19 बोगस व्यक्तियों के बैंक खातों के स्टेटमेंट मंगाए है जिनके खातों में रकम जमा हो रही थी. इससे यह भी पता चलेगा कि कितने समय से यह हेराफेरी चल रही थी.
प्राथमिक जांच में तो यह स्पष्ट हो चुका है कि आरोपी लिपिक नेवारे पेंशन टेबल में कार्य करते हुए 18 से 20 मृत पेंशनधारकों का बोगस लाइव सर्टिफिकेट बनवाकर उनके नाम की पेंशन को अपने खुद के और अपने रिश्तेदारों के बैंक खातों में हस्तांतरित करवाकर गबन कर रही थी. हर महीने वह 5 लाख रुपयों की हेराफेरी कर रही थी.
पुलिस थाने में दर्ज होगा मामला
जिला परिषद प्रशासन तो तत्काल ही आरोपी के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज करने को तैयार है लेकिन जानकारी मिली है कि पुलिस द्वारा इस घोटाले की रकम व कब से यह गबन किया जा रहा था उसकी जानकारी देने को कहा गया है. सीईओ योगेश कुंभेजकर ने 3 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी थी और समिति सारे कागजी सबूत जुटाने में लगी है ताकि पुलिस में मामला दर्ज करने में किसी तरह की तकनीकी अड़चन या विलंब न हो पाए. इस घोटाले में केवल लिपिक को ही अब तक आरोपी मानकर चला जा रहा है जबकि संदेह है कि बिना किसी अन्य अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत से इतने लंबे समय से ऐसा कैसे किया जा सकता है.