जानिए कब हुआ था Goa आज़ाद और आज़ादी के 26 साल बाद 30 मई को ऐसा क्या हुआ जब से मनाया जाने लगा ‘गोवा स्थापना दिवस’

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: हर साल 30 मई को ‘गोवा स्थापना दिवस’ मनाया जाता है। क्योंकि, इसी दिन 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। जानकारों के अनुसार, गोवा या गोआ क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत तट और मशहूर स्थापत्य के लिए जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया।

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा। 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया। 19 दिसंबर को गोवा में मुक्ति दिवस मनाया जाता है। आइए जानें ‘गोवा स्थापना दिवस’ के इतिहास के बारे में-

इतिहास

गोवा भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसके उत्तर में तेरेखोल नदी बहती है, जो गोवा को महाराष्ट्र से अलग करती है। इसके दक्षिण में कर्नाटक का उत्तर कन्नड़ जिला और पूर्व में पश्चिमी घाट तथा पश्चिम में अरब सागर है। पणजी, मडगांव, वास्को, मापुसा, तथा पोंडा राज्य के प्रमुख शहर हैं। राज्य में 1,424 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में घने वन हैं। गोवा का उल्लेख भारतीय संस्कृति के कई पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। महाभारत के समय दक्षिण कोंकण क्षेत्र में गोवा को गोपराष्ट्र अर्थात गाय चराने वालों के देश के रूप में वर्णित है। कई अन्य संस्कृत श्लोक और धार्मिक ग्रंथों में इसे गोमांचल, गोपकपट्टम, गोपकेपुरी, गोवापुरी, गोवाराष्ट्र और गोमांतक आदि कई नामों से उल्लेखित किया गया है।  

गोवा के प्रारंभिक राजनीतिक इतिहास को देखा जाए तो यह सातवाहन साम्राज्य का अंग रहा है। उसके बाद कदंब, मलखेड़ के राष्ट्रकूटों, चालुक्य तथा सिलाहार राजवंशों का राज रहा। 14वीं शताब्दी के अंत में यादवों का साम्राज्य समाप्त हुआ और दिल्ली के खिलजी वंश ने यहां शासन किया। नो इंडिया डॉट ओआरजी के मुताबिक, भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज करते हुए 1498 में वास्कोडिगामा और उसके बाद कई पुर्तगाली यात्री भारत पहुंचे थे। 1510 में अल्फांसो द अलबुकर्क ने विजयनगर के सम्राट की मदद से गोवा पर आक्रमण करके इसे कब्जा लिया।

15 अगस्त, 1948 को भारत के स्वतंत्र होने के बाद भी गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा। किंतु, पुर्तगाली शासक गोवा वासियों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे थे। भारत सरकार के कई बार आग्रह के बावजूद जब पुर्तगाली नहीं माने तो फिर ऑपरेशन विजय की शुरुआत की गई। अंतत: 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को मुक्त करा लिया गया और इसे दमण तथा दीव के साथ मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। हालांकि, बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया और दमण तथा दीव को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। तब से ही 30 मई का दिन गोवा का मुक्ति दिवस यानी स्थापना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। स्थापना के बाद पणजी को गोवा की राजधानी तथा कोंकणी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया।