Police siren on private van

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पिंपरी: शहर और आसपास के परिसर में पुलिस और एंबुलेंस का आपातकालीन सायरन की अवैध रूप से बिक्री की खबरें सामने आ रही है। शहर के वाहनों के डॅश बोर्ड पर पुलिस एलईडी लाईट चमकता नजर आ रही है। इसकी वजह से रात के अंधेरे में पुलिस वाहन होने का एहसास होता है। साथ ही कुछ आवारा लोगों का समूह आपतकालीन हॉर्न बजाकर शहर की सड़कों पर उत्पात मचा रहा है। पिंपरी-चिंचवड शहर में वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसकी तुलना में युवा चालकों की अनुशासनहीनता भी बढ़ रही है। इसकी वजह से उपाय करने के बावजूद कुछ जगहों पर ट्रैफिक जाम लगा ही रहता है। इन सबके बीच कुछ आवारा लोगों का गिरोह अपने वाहनों में अलग अलग हॉर्न लगा रहे हैं इस पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। 

कार्रवाई की जरुरत
खबर है कि पिंपरी-चिंचवड़ ट्रैफिक विभाग ने बुलेट साइलेंसर पर बड़ी कार्रवाई की है। इस बीच, बाजार में पुलिस और एंबुलेंस के लिए इस्तेमाल होने वाला आपातकालीन हॉर्न की अवैध बिक्री की बात सामने आ रही है। जबकि साइलेंसर पर कार्रवाई चल रही है। इसके साथ ही पुलिस एलईडी लाइट भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है। ऐसे में अवैध रूप से सायरन और लाइट बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। 

दर्ज हो सकता है मुकदमा
पुलिस वाहन या एंबुलेंस सायरन बेचना गैरकानूनी है। साथ ही निजी वाहनों पर आपातकालीन हॉर्न या लाइट लगाना भी अपराध है। ऐसे चालकों के खिलाफ पुलिस द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए युवाओं को सावधान रहने की जरूरत है। 

सायरन सस्ते में उपलब्ध हैं
शहरी क्षेत्रों में कार चालकों के लिए आपातकालीन हॉर्न 200 रुपये से शुरू होने वाली कम कीमत पर उपलब्ध हैं। अच्छी क्वालिटी के हॉर्न की कीमत एक हजार रुपए तक होती है। बाजार में एंबुलेंस के साथ-साथ पुलिस सायरन हॉर्न, फायर ब्रिगेड वाहन सायरन भी बिक रहे हैं। 

सरकारी वाहनों के लिए सायरन की अनुमति
केवल सरकारी विभाग के वाहनों के लिए ही सायरन बजाने की अनुमति है। पुलिस, वन विभाग, फायर ब्रिगेड, राजस्व विभाग के अधिकारियों के वाहनों पर सायरन हॉर्न लगाया जा सकता है। यहां तक कि जन प्रतिनिधियों को भी सायरन हॉर्न लगाने की इजाजत नहीं है। इसलिए यदि कोई सायरन बजाते हुए घूम रहा है तो इसकी सूचना पुलिस को देने की उम्मीद की गई है। 

उन दुकानों पर ध्यान न दें
शहरी क्षेत्र में, नाशिक फाटा में बड़ी संख्या में ऑटो पार्ट्स स्टोर हैं। इनमें से कुछ दुकानों में वाहनों को अवैध रूप से संशोधित किया जाता है। कुछ दुकानों के सामने काली फिल्म लगाने का काम चल रहा है। पुलिस की आंखों के नीचे इस तरह की चीजें चल रही हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी संदेह उठ रहा है। 

विशाल गायकवाड (पोलिस उपायुक्त, वाहतूक शाखा, पिंपरी-चिंचवड) ने बताया, सायरन हॉर्न का उपयोग केवल सरकारी, आपातकालीन सेवा वाहनों के लिए करने की अनुमति है। निजी वाहन मालिक अपने वाहनों पर सायरन हार्न न लगाएं। साथ ही, पुलिस एम्बर या इसी तरह की लाइट लगाना भी गैरकानूनी है। यदि ऐसी सामग्री का विक्रय अथवा उपयोग होता पाया गया तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।