युनिर्वसिटी आफ लंदन के प्रोफेसर बने डा. राधेश्याम

  • लाखपुरी गांव के युवक की उंची उडान

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दर्यापुर. विपरित परिस्थियों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के युवकों में प्रतिभा की कमी नहीं होती वे अपनी लगन और परिश्रम से उंची उड़ान भरते है. यह बात साबित की है. लाखापुरी जैसे छोटे से गांव के डा. राधेश्याम शर्मा ने. अपनी काबिलियत के दम पर वे  युनिर्वसिटी आफ लंदन के प्रोफेसर पद तक पहुंचे है. वे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने है. 

कक्षा 12 वीं में मिले 47 प्रश.

लाखापुरी निवासी राधेश्याम के पिता का सपना था कि उनकी कोई एक संतान डाक्टर बने. राधेश्याम ने 10 तक की शिक्षा के बाद 11 वीं व 12 की शिक्षा भी दर्यापुर के प्रबोधन विद्यालय से ली. मराठी मीडियम में पढ़ते हुए 47 प्रतिशत अंक पाकर उन्होंने 12 की परीक्षा पास की. यह छात्र इंग्लिश मीडियम में कैसे पढेगा यह सवाल सभी के मन में था. लेकिन राधेश्याम ने तय किया कि भले ही वह मेडिसीन में डाक्टर नहीं बन पाए, लेकिन अपने नाम के आगे डाक्टरेट जरुर लगाएगे. उन्होंने उन्होंने एमएससी बीएड किया. व गुजरात के सेंट्रल गर्वेमेंट स्कूल में शिक्षक के रुप में नियुक्त हुए. लेकिन स्वप्न पूर्ति की धुन उन्हे दुबई ले गयी. जहां पर उन्होंने ब्रिटिश करिक्युलम को पढ़या. अब वे युनिर्वसिटी आफ लंदन में प्रोफेसर के रुप में नियुक्त हुए है. यह युनिर्वसिटी विश्व के 180 देशों में परीक्षाएं लेती है. डा. राधेश्याम ने गणित विषय में नए संशोधन कर पीएचडी की है.