पशुओं में क्रायमिन कोंगो रोग का खतरा

  • परप्रांत से जानवर नहीं खरीदने का आव्हान

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अमरावती. जानवरों में पाए जाने वाली क्रायमिन कोंगो बीमारी गुजरात से महाराष्ट्र में आने की आशंका है. बाधित जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला यह संक्रमण अत्यंत घातक साबित हो सकता है. जिसके चलते राज्य के पशुपालकों को इस बीमारी को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है. इसी के तहत अमरावती जिला पशुसंवर्धन विभाग भी अलर्ट होने के साथ किसानों को परप्रांत से जानवरों की खरीदी ना करने का आव्हान किया गया है.

गाय, भैंस, बकरियां में पाया जाता है

यह बीमारी नैरो वायरस के कारण होती है. यह वायरस मुख्य रूप से गोचिड के माध्यम से एक जानवर से दूसरे जानवर को संक्रमित करता है. बाधित जानवरों से संक्रमण मनुष्यों में फैलता है. इस बिमारी का प्रकोप गाय, भैंस, बकरियां और भेड़ों में अधिक पाया जाता है. गुजरात के बोताड और कच्छ जिलों में इस बीमारी का संक्रमण पाया गया है. गुजरात से कई जानवर महाराष्ट्र में आते है. जिससे महाराष्ट्र में इस बीमारी के फैलने की संभावना को देखते हुए पशुसंवर्धन आयुक्त कार्यालय ने एहतियातन कदम उठाए है.

पशुधन नाके पर जांच

स्लॉटर हाउस के कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे विशेष सावधानी बरतें क्योंकि उनका जानवरों के मांस से सीधा संपर्क होता है. अंतरराज्यीय चौकियों पर भी पशुधन की जांच के भी निर्देश दिए गए है. रोग से संक्रमित व्यक्ति को पहले पीलिया जैसे लक्षण दिखाई देते है. सिरदर्द, बुखार, पेट दर्द और लाल आँखें आदि लक्षण दिखते है. बीमारी और बढने से शरीर से खून बहना शुरू हो जाता है. संक्रमित जानवर का मांस खाने से या ऐसे जानवरों के खून के संपर्क में आने से मनुष्य संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है. इस बीमारी से पीड़ित 30 प्रतिशत रोगियों को तत्काल इलाज नहीं मिलने पर मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है.

सतर्क रहने की चेतावनी

गुजरात से महाराष्ट्र में ‘क्रायमिन काँगो’ वायरस प्रसार को देखते हुए एहतियातन पशुपालकों को सतर्कता की चेतावनी दी गई है. अमरावती जिले के किसानों को परप्रांत से जानवर नहीं खरीदने की सलाह दी गई है. इसके अलावा पशु नाके पर भी जांच चल रही है.

– विजय रहाटे, जिला पशुसंवर्धन अधिकारी.