बोगस बीजों ने बढ़ाई किसानों की चिंता

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भंडारा (का). खरीफ फसल की तैयारी शुरु होते ही फसल कैसे अच्छी से अच्छी हो इसी चिंता करने लगता है. मृग नक्षत्र की वर्षा इस दिनों जारी है. मृग नक्षत्र का पानी फसलों की दृष्टि से बहुत लाभदायक होता है. इसलिए किसान इस नक्षत्र के पानी के लिए विशेष रूप से लालायित रहते हैं. अन्य क्षेत्रों की तरह इन दिनों कृषि क्षेत्र में भी धोखाधड़ी होने लगी है। बाजार में बोगस बीजों के आने के कारण किसानों में चिंता बढ़ गई है.

खरीफ की फसल में किसान नई उम्मीदों, आशा के साथ पिछली फसल की तुलना में ज्यादा फसल हो, इसकी रणनीत् बनाकर खेती के काम में जुट जाता है. खेत तैयार करने के बाद जब बीज बोने की बारी आती है तो किसानों को बहुत सोच समझ कर कदम उठाना पड़ता है. उन्हें पल-पल इस बात का ध्यान रखना पड़ता कि जो बीज उसके द्वारा बोया जा रहा है वह असली है या नहीं. खेत में बोया गया बीज अगर नकली या बोगस निकल गया तो किसानों की मेहनत तथा फसल के लिए की गई मेहनत दोनों बेकार हो जाएगी, इसलिए बीज की जांच बहुत जरूरी है. पिछली बार की फसल में किसानों को बोगस बीज की वजह से भारी नुकसान सहना पड़ा था, इसलिए इस बार किसान बीजों को लेकर विशेष रूप से जागरुक हैं.

बोगस बीजों की कालाबाजारी को रोकने के लिए कृषि विभाग की ओर से ध्यान देने की जरूरत है. गांव-गांव के कृषि केंद्रों पर बोगस बीजों के दलाल संपर्क करके बिल्कुल कम कीमत वाले बीज भारी कीमत पर बेंचते हैं. कृषि विभाग की ओर से किसानों को इस बात के लिए आगाह करना जरूरी है कि वे किसी भी फसल के लिए बीज अधिकृत दुकानों से ही खरीदें. यह भी जानकारी मिली है कि कुछ कृषि केंद्रों पर बोगस बीजों का भंडार है, इसलिए किसानों में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष बोगस बीजों के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, इसलिए गांव-गांव में यह चर्चा शुरु हो गई है कि इस बार बोगस बीज किसी भी कीमत पर खेत में नहीं बोया जाएगा. कृषि विभाग की ओर से किसानों का मार्गदर्शन किया जाना बहुत जरूरी है, ताकि पिछली बार की तरह इस बार किसानों को बोगस बीज से होने वाला नुकसान सहन करना पड़ा।