corona
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    • -98.10 प्रश  रिकवरी रेट  
    •  -533 लोगों की जांच
    • -58,672 अब तक ठीक हुए मरीज
    • -59,808 अब तक पाजिटिव मरीज

    भंडारा. जिले में रविवार को कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या शून्य आयी है. ठीक हुए मरीजों की संख्या 1 है.  533 व्यक्तियों की जांच करने पर एक भी व्यक्ति कोरोना पाजिटिव नहीं आया है. जिले का आज का पाजिटिविटी रेट शून्य है. जिले में अभी केवल 4 सक्रिय मरीज है. ठीक हुए मरीजों की संख्या 58,672 है. मरीज ठीक होने का प्रमाण 98.10 प्रश है.

    अभी तक 4 लाख 37 हजार 313 लोगों के गले के स्वैब की जांच की गयी. उसमें 59,808 व्यक्ति कोरोना पाजिटिव आए हैं.  रविवार की जांच में भंडारा जिले में भंडारा तहसील, मोहाड़ी तहसील, तुमसर तहसील, पवनी तहसील, लाखनी तहसील, साकोली तहसील एवं लाखांदूर तहसील में एक भी व्यक्ति पाजिटिव नहीं आया. जिले में कोरोना पाजिटिव मरीज मृत्यु की कुल संख्या 1,132 तथा  मृत्युदर 01.89 प्रश है. 

    लाकडाउन हटाने की हो रही मांग

    कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद जिले में पाजिटिव मरीजों की संख्या अब लगभग शून्य हो गई है. जुलाई माह में 15 दिनों से एक भी मरीज नहीं मिला. वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या महज 4 है. ऐसी स्थिति के बावजूद जिले में पाबंदियां बनी हुई है. शाम चार बजे बाजार बंद होने से व्यापारियों समेत छोटे कारोबारियों पर भारी असर पड़ रहा है. कोरोना मरीजों की संख्या शून्य पर पहुंचने के साथ ही अब जिला पाबंदियों में ढील देने की मांग जोरों पर है.

     नौकरों का वेतन और बकाया कर्ज

    भंडारा शहर के कई व्यापारियों ने कर्ज लेकर कारोबार शुरू किया है. हालांकि पिछले 2 वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते पूरा कारोबार ठप पड़ा है. कई लोगों पर कर्ज है. सवाल यह है कि बैंक का कर्ज कैसे चुकाया जाए. दूसरी ओर दूकान के नौकरों का वेतन देना मुश्किल हो गया है. ऐसे में यदि पाबंदियां नहीं हटाई गईं तो व्यापारियों का जीवन बर्बाद हो सकता है.

    4 बजे बाजार बंद, लेकिन सड़क पर नागरिक

    कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शाम चार बजे के बाद आंशिक पाबंदिया है. शाम चार बजे व्यापारी समय पर अपने प्रतिष्ठान बंद कर देते हैं. अगर दूकानें बंद नहीं की जाती हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है. वहीं दूसरी ओर देर रात तक लोगों की भीड़ लगी रहती है. न कोई मास्क पहनता है और न ही शारीरिक दूरी का पालन करता है.