480 बिल्लियां और 12 कुत्तों का रखती हैं बखूबी ख्याल, हर महीने लाखों खर्च कर करती हैं इनकी सेवा

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आज कल ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो सेवा भाव में विश्वास (Trust) रखते हैं। जो इंसानों (Human) के साथ-साथ जानवरों (Animals) से भी प्रेम (Love) करते हैं और उनका ख्याल (Care) करना पसंद करते हैं। बे-ज़ुबान जानवरों का ख्याल रखना बहुत बड़ी सेवा कहलाती है। उनको भोजन (Food) देना, उनकी बीमारी का इलाज करवाना आदि ही परम सेवा होती है। पर आज के समय में लोग बस पालतू जानवरों (Pets) को ही इतना महत्व (Importance) देते हैं, लेकिन आवारा जानवरों के साथ दुर्व्यवहार ही करते हैं। ऐसे में एक महिला ऐसी भी हैं, जिन्होंने कई जानवरों को अपने घर में पनाह दी है। 

हम बात कर रहे हैं मस्कट में रहने वाली ‘मरियम अल बलूशी’ (Maryam Al Balushi) की। जानवरों से अपार प्रेम करने वाली मरियम की उम्र (Age) 51 साल है। आज के समय में उनके पास 480 पालतू बिल्लियां (Cats) और 12 कुत्ते (Dogs) हैं। मरियम का ये ही परिवार है, अपना-अपना समय इन्हीं जानवरों के साथ व्यतीत करती हैं। मरियम के पालतू जानवरों में से 17 जानवर दृष्टिहीन हैं, जिनके खान-पान और देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है। मरियम इनका ख्याल रखने में प्रति माह 5 लाख 75 हज़ार रुपए खर्च करती हैं। 

मरियम के लिए इन जानवरों का ख्याल रखना और उनके पीछे इतना खर्च उठा पाना आसान नहीं है। वहीं घर पर इतने सारे जानवर होने की वजह से, उनके पड़ोसी आए दिन उनकी आलोचना करते हैं और शिकायत भी करते हैं। लेकिन मरियम उनकी बातों को अनसुना करके अपने जानवरों का बखूबी ख्याल रखती हैं और उनकी ज़रूरत पूरी करती हैं। मरियम का मानना है कि इंसानों से ज़्यादा जानवर वफादार होते हैं, जो एक सच्चाई भी है। 

मरियम के पास ज़्यादातर वह जानवर हैं जो गलियों में भटका करते थे। जिनका ख्याल रखने के लिए कोई नहीं था। मरियम इन जानवरों का ख्याल खुद रखती हैं। इनके खाने-पीने से लेकर उनकी सफाई तक वह खुद करती हैं। इसके अलावा जब भी कोई भी जानवर बीमार हो जाता है तो उसका पूरा इलाज भी मरियम करवाती हैं। मरियम का घर पिंजरे से भरा हुआ है और वह बारी-बारी से उनके साथ खेलती और मस्ती करती हैं। साथ ही वह जानवरों को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज़ भी कराती हैं और वॉक के लिए बाहर भी लेकर जाती हैं। 

मरियम से जब पूछा गया कि जानवरों को पालने की सोच उन्हें कहा से आई, तब वह जवाब देती हैं कि, साल 2008 में उनका बेटा एक परशियन कैट को घर लेकर आया था। लेकिन उन्होंने उसे घर में रखने से माना कर दिया था, क्योंकि इनकी वजह से बहुत गंदगी होती है। फिर दो साल बाद उनके बेटे ने एक बिल्ली पाली। मरियम की सोच उस वक्त तक बदल चुकी थी। वह उस बिल्ली के सतह खेलती थी, उसका ख्याल रखती थीं और उसे खाना भी खुद ही खिलाती थीं। जिसके बाद उन्होंने साल 2014 में अपना खुद का घर ख़रीदा और जानवरों की सेवा करने लगी। वहीं से जानवरों की सेवा करने की उनकी शुरुआत हुई।