सरकारी बैंकों के ‘अच्छे दिन’, हो रहा रिकॉर्ड मुनाफा

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मुंबई: विगत कुछ वर्षों में अमेरिकी रेटिंग एजेंसियों और कई बड़े अर्थशास्त्रियों द्वारा भारत के सरकारी बैंकों (PSU Banks) की हालत बिगड़ने की बात लगातार कह कर गलत तस्वीर पेश किए जाने के बावजूद पीएसयू बैंक लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। भारत के बैंक अपना एनपीए (NPA) नियंत्रित करते हुए बिजनेस (Business) और लाभ (Net Profit) में भारी वृद्धि करने में सफल हो रहे हैं, इसके विपरीत अमेरिका के बैंक (US Banks) भारी घाटे में आकर डूबने लगे हैं। भारत का तो पूरा बैंकिंग सेक्टर (Indian Banking Sector) दुनिया में सबसे मजबूत बनकर उभरा है और इसका श्रेय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की सफल नीतियों और कुशल नेतृत्व को जाता है। इसके अलावा इंडिया ग्रोथ स्टोरी (India Growth Story) का भी फायदा बैंकों को मिल रहा है।

आज सभी पीएसयू बैंक जहां निजी बैंकों की कड़ी प्रतिस्पर्धा का बखूबी सामना करते हुए बंपर मुनाफा कमा रहे हैं, वहीं एनपीए घटाने के साथ निवेशकों को डिविडेंड और बढ़िया रिटर्न भी प्रदान कर रहे हैं। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को छोड़ सभी पीएसयू बैंकों की वैल्यूएशन भी आकर्षक स्तर पर आ गयी है। केनरा बैंक (Canara Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), इंडियन बैंक (Indian Bank), यूनियन बैंक (UBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) के शेयर तो 5 से 8 के बेहद आकर्षक मूल्य-आय अनुपात (PE Ratio) पर ही ट्रेड (Trade) कर रहे हैं।

enavabharat.com द्वारा अनुशंसित शेयरों में मिला 29% से 130% तक का अच्छा रिटर्न

enavabharat.com ने सरकारी बैंकों पर 27 सिंतबर 2021 को प्रकाशित अपने लेख ‘सरकारी बैंकों के आए अच्छे दिन’ में पीएसयू बैंक शेयरों को निवेश की दृष्टि से आकर्षक बताया था। तब से लेकर अब तक इन शेयरों में निवेशकों को 29% से लेकर 130% तक का अच्छा फायदा (Profit) हुआ है।

आईबीसी कानून बना भारतीय बैंकों के लिए गेमचेंजर

चाइनीज वायरस कोविड की महामारी के समय देश-विदेश की तमाम रेटिंग एजेंसियों और कई अन्य विश्लेषकों ने बैंकों का एनपीए फिर बढ़ने और मुनाफा घटने की आशंका जताई थी, लेकिन आशंकाओं के विपरीत आश्चर्यजनक रूप से बैंकों का एनपीए घटता गया और मुनाफा बढ़ता गया। इसका एक सबसे बड़ा कारण नए आईबीसी कानून का लाया जाना है। बैंकों के बढ़ते एनपीए की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने मई 2016 में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (Insolvency and Bankruptcy Code -IBC) कानून लागू किया था। इस नए सख्त कानून के आने के बाद एस्सार स्टील, डीएचएफएल, भूषण स्टील सहित अनेक दिवालिया हुई कई कंपनियां डिफाल्टर प्रमोटरों (Defaulting Promoters) के हाथ से निकल गयी हैं। इससे प्रमोटरों में यह डर पैदा हो गया है कि बैंक से लोन (Loan) लिया है तो चुकाना ही पड़ेगा और यदि डिफॉल्ट (Default) किया तो तो पूरी कंपनी हाथ से निकल जाएगी। इसी वजह से कोविड के समय हर कंपनी प्रमोटर पहले अपना पुराना बैंक लोन चुकाने में जुट गए। नतीजन पुराने कर्जों की रिकवरी (Loan Recovery) बढ़ी और कोविड संकट के बावजूद एनपीए भी कम होता चला गया। इस तरह आईबीसी कानून भारतीय बैंकिंग उद्योग के लिए गेमचेंजर (GameChanger) साबित हुआ है। 

नए रिफॉर्म एजेंडे ‘ईज’ से भी मिली मदद

इसके अलावा सरकार के नए रिफॉर्म एजेंडे ‘ईज’(Enhanced Access & Service Excellence-EASE) से भी सरकारी बैंकों को बिजनेस बढ़ाने में मदद मिल रही है। केंद्र सरकार ने पीएसयू बैंकों को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए नया रिफॉर्म एजेंडा ‘ईज’ जनवरी 2018 में शुरू किया था। ‘ईज’ यानी ‘एन्हांस्ड, एक्सेस, सर्विस एंड एक्सीलेंस’। इसका मकसद टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाते हुए स्मार्ट बैंकिंग सेवाएं देने का था। इसमें 5 थीम रखी गयी थी। इनमें स्मार्ट लैंडिंग, 24 घंटे, सातों दिन बैंकिंग, डेटा एनेबल्ड एग्री फाइनेंसिंग और डिजिटल पेमेंट मुख्य है। इससे पीएसयू बैंक आधुनिक बैंकिंग सेवाएं देने और प्रतिस्पर्धा का सामना करने में सक्षम हुए हैं। अब सरकारी बैंकों के अच्छे दिन लौट आए हैं।

कई वर्षों बाद उम्दा रिजल्ट: ताहेर बादशाह

इनवेस्को म्यूचुअल फंड (Invesco Mutual Fund) के मुख्य निवेश अधिकारी ताहेर बादशाह (Taher Badshah) का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 पीएसयू बैंकों के लिए काफी अच्छा साल साबित हुआ है। पीएसयू बैंक जिस तरह के उम्दा रिजल्ट घोषित कर रहे हैं, ऐसे रिजल्ट कई वर्षों बाद देखने को मिल रहे हैं। कम क्रेडिट कॉस्ट के साथ लोन ग्रोथ में अच्छी बढ़ोतरी और अधिक मार्जिन से पीएसयू बैंकों को अपना बिजनेस और प्रॉफिट बढ़ाने और बैलेंस शीट को मजबूत बनाने में मदद मिल रही है। इंडियन इकोनॉमी की तेज ग्रोथ के कारण क्रेडिट साइकल भी तेज हो रही है यानी लोन डिमांड बढ़ रही है। जिसका फायदा बैंकों को आगे भी मिलेगा, हालांकि अब बैंकों के मार्जिन स्थिर हो सकते हैं।

क्रेडिट ग्रोथ का भी मिल रहा फायदा: प्रशांत तापसे

मेहता इक्विटीज लिमिटेड (Mehta Equities Ltd.) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) प्रशांत तापसे (Prashanth Tapse) का कहना है कि महत्वपूर्ण तथ्य है कि सरकार ने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर 10 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इसके कारण पीएसयू बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आ रही है। दूसरे, अब ब्याज दरों में वृद्धि का क्रम खत्म हो गया है और अब स्थिरता के आसार हैं। ब्याज दरें स्थिर होने पर होम लोन की मांग भी बढ़ेगी। ऐसे में इस साल भी पीएसयू बैंकों का मुनाफा अच्छा रहने की उम्मीद है। निवेश की दृष्टि से एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा बैंक सबसे अच्छे लग रहे हैं।