Nirmala Sitharaman

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    वाशिंगटन. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) से भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में स्पष्ट तौर पर मजबूत पुनरुद्धार हुआ है। इसके साथ उन्होंने भरोसा जताया कि भारत इस दशक में मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करेगा। सीतारमण यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में भाग लेने के लिये आई हैं। वित्त मंत्री ने शोध संस्थान अटलांटिक काउंसिल के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उपस्थित अमेरिकी लोगों को बताया कि कैसे लोगों ने भारत सरकार के साथ मिलकर सफलतापूर्वक कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से उत्पन्न चुनौतियों का सामना किया और कैस वे उससे सफलतापूर्वक निपट सके।

    उन्होंने कहा, ‘‘महामारी और उसके बाद पुनरुद्धार को ध्यान में रखते हुए जब हम भारत को देखते हैं…हम अपने सामने के दशक को देखते हैं….2030 एक मजबूत दशक होगा और भारत निश्चित रूप से तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।” 

    सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 से पहले और उसके बाद भारत ने कई संरचनात्मक सुधार किये और उसे आगे बढ़ाने के लिये महामारी को अवसर में बदला। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने को लेकर जो कदम उठाये, वह अपने आप में अलग है। हमने मांग प्रबंधन पर आश्रित होने के बजाय आपूर्ति व्यवस्था से जुड़े सुधारों को आगे बढ़ाया। उन्होंने महामारी से पूर्व किये गये सुधारों में जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और डिजिटलीकरण कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन का जिक्र किया।

    सीतारमण ने कहा, ‘‘…महामारी से पहले, हमने तेजी से डिजिटलीकरण को बढ़ाया और हम वित्तीय समावेश का ऐसा कार्यक्रम लाए, जो दुनिया में पहले कहीं नहीं देखा गया।”

    उन्होंने कहा कि इसी कार्यक्रम के परिणामस्वरूप ही दुनिया में तीन सबसे बड़े सार्वजनिक डिजिटल मंच सामने आए जो भारत के हैं। ये मंच हैं…आधार, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और कोविन। आधार जहां सबसे बड़ा विशिष्ट डिजिटल पहचान हैं, वहीं यूपीआई सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान परिवेश है। कोविन सबसे बड़े टीकाकरण का मंच है।

    वित्त मंत्री ने शोध संस्थान अटलांटिक काउंसिल के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि, “कोरोना महामारी के दौरान भारत सरकार ने तय किया कि हम अपने लोगों पर टैक्स का बोझ नहीं डालेंगे। अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए हमने लोगों पर टैक्स नहीं लगाया। ‘कोविड टैक्स’ के रूप में किसी पर कोई बोझ नहीं पड़ा।

    उन्होंने कहा कि जब महामारी आयी, तो हमने महसूस किया कि अगर हमें अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए काम करना है, तो हमें इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर जोर देना होगा। इसलिए हमने कैपिटल एक्सपेंडीचर का रास्ता अपनाया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब हम डिजिटल बैंक की स्थापना करने की दिशा में बढ़ रहे हैं। एक-दो नहीं 75 डिजिटल बैंक। इसी साल हम 75 डिजिटल बैंक की स्थापना करने जा रहे हैं।

    नई ऊर्जा में निवेश पर वित्त मंत्री ने कहा, “जिस गति से हम कोयले पर निर्भरता से बाहर आना चाहते हैं, वह एक चुनौती होगी। नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में हमारी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जाएगा, हमारी ऊर्जा टोकरी को फिर से तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता बरकरार है।”

    वित्त मंत्री ने कहा, “यह एक बड़ी चुनौती वाला क्षेत्र है, इसमें कोई संदेह नहीं है, पेरिस शिखर सम्मेलन के बाद से हमने बहुत सारी प्रतिबद्धताएं की थीं, और शायद हम एक से छह देश हैं जिन्होंने पेरिस में किए गए अधिकांश प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है।” (एजेंसी इनपुट के साथ)