Gold & Silver Prices Likely To Rise

  • गोल्ड ज्वैलरी की बढ़ रही मांग

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मुंबई : पिछले साल 30% से 44% तक का बम्पर रिटर्न देने के बाद कीमती धातुओं सोना (Gold) और चांदी (Silver) ने इस साल अब तक कोई रिटर्न नहीं दिया है। विगत 10 महीनों से कीमतें एक सीमित रेंज में हैं। मुंबई में सोना 51,600 रुपए से 44,200 रुपए की रेंज में रहने के बाद अब 48,050 रुपए प्रति दस ग्राम है।

जबकि चांदी 73,200 रुपए से 59,800 रुपए की रेंज में रहने के बाद अब 65,500 रुपए प्रति किलो है। इसी तरह लंदन में सोना 1890 डॉलर से 1684 डॉलर के बीच रहने के बाद अब 1805 डॉलर प्रति औंस है। जबकि चांदी 28.07 डॉलर से 22.40 डॉलर की रेंज में रहने के बाद अब 24.45 डॉलर प्रति औंस है। इस तरह विगत 10 महीनों में अब तक सोना 6% और चांदी 3% नुकसान में है। परंतु अब भारत सहित विश्व स्तर पर हालात अनुकूल बनने से फिर तेजी का रूख बन रहा है। डॉलर (US Dollar) के सामने रुपया (Indian Rupee) कमजोर होने से आयात भी महंगा हो रहा है।

भारत में चाइनीज वायरस कोरोना पर नियंत्रण होने के साथ सोने की भारी मांग निकल रही है। इसी कारण जुलाई-सितंबर के दौरान सोने का आयात (Gold Import) 170% उछाल के साथ 288 टन रहा और अक्टूबर 2021 में 100 टन का आयात होने की संभावना जताई जा रही है, जो कि देश में भारी मांग (Demand) का स्पष्ट संकेत है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने-चांदी की कीमतों में अब मंदी की आशंका खत्म हो चली है तथा तेजी आने के आसार ही अधिक हैं। हालांकि इस साल शेष दो महीनों में बड़ी तेजी की उम्मीद भी नहीं है।   

इस दिवाली निवेश के लिए सही समय : सौरभ गाडगिल

पीएनजी ज्वैलर्स (PNG  Jewellers) के अध्यक्ष सौरभ गाडगिल का कहना है कि शॉर्ट टर्म में तो ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है, क्योंकि विश्व स्तर पर मनी लिक्विडिटी बहुत ज्यादा होने से शेयर व कमोडिटी बाजारों में उछाल आ रहा है। जब अगले साल इनमें गिरावट आएगी तो सोना चमकेगा। इसलिए अगले एक-डेढ़ साल में अच्छी तेजी आने के प्रबल आसार हैं। तब सोना फिर 56,000 रुपए के पार हो सकता है। पिछले साल के सर्वोच्च स्तर से सोना और चांदी वर्तमान में करीब 15% सस्ते हैं।

ज्यादा घटने की गुंजाइश नहीं है। इस दिवाली नए निवेश के लिए एकदम सही समय है। इसी कारण लोगों में काफी उत्साह है तथा निवेश व ज्वैलरी के लिए सोने की मांग तेजी से बढ़ रही है। लाइटवेट और हैवीवेट, सभी तरह की गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) के साथ चांदी के बर्तनों (Silverware) व मूर्तियों में भी काफी अच्छी मांग देखी जा रही है। अगले 6 महीने तो त्योहारी और वैवाहिक मांग काफी ज्यादा रहने की उम्मीद है। सरकार द्वारा गोल्ड ज्वैलरी में ह़ॉलमार्किंग (Hallmarking) अनिवार्य किए जाने से ग्राहकों का भरोसा और बढ़ा है और लोग सोने में निवेश के लिए प्रेरित हो रहे हैं।

दोनों धातुओं की कीमतों में आएगी तेजी : संजय शाह

नाइन डीएम (Nine Diam) के अध्यक्ष संजय शाह का कहना है कि सोने की कीमतें पिछले 10 महीनों से एक सीमित रेंज में चल रही हैं, लेकिन अब विश्व स्तर पर बढ़ती मुद्रास्फीति (Inflation) और गोल्ड ज्वैलरी की बढ़ती मांग के कारण कीमतों में अपट्रेंड बन रहा है। विश्व में मुद्रास्फीति को ‘हेज’ (Hedge) करने के लिए सोना ही एकमात्र माध्यम है और सबसे सुरक्षित निवेश भी है। भारत में तो रिकार्ड वैक्सीनेशन के कारण कोरोना की तीसरी लहर की आशंका कम हो गयी है।

अर्थव्यवस्था (Economy) में तेजी आने के साथ शादी-ब्याह के लिए गोल्ड की भारी मांग निकल रही है। क्योंकि कोरोना के कारण बहुत सी शादियां स्थगित हो गयी थीं। अमेरिका, यूरोप व खाड़ी देशों में भी गोल्ड ज्वैलरी की अच्छी मांग निकल रही है। सोने में अब तेजी का रूख बनने का एक कारण यह भी है कि रूस, चीन, सिंगापुर सहित कुछ देशों में कोरोना का खतरा फिर बढ़ने लगा है। इसलिए अगले कुछ महीनों में सोना ग्लोबल मार्केट में 1850 डॉलर और भारत में 49,000 रुपए तक जा सकता है। चांदी भी 72,000 रुपए तक जाने की उम्मीद है। ज्यादा गिरावट की कोई आशंका नहीं है। लॉन्ग टर्म निवेश के नजरिए से मौजूदा स्तरों पर सोना और चांदी में निवेश करना फायदेमंद होगा।

ज्वैलरी इंडस्ट्री फिर ग्रोथ ट्रैक पर : सुमित शाह

रेनेसंस ग्लोबल लिमिटेड (Renaissance Global Ltd.) के उपाध्यक्ष सुमित शाह का कहना है कि गोल्ड कीमतों का आउटलुक लगातार बुलिश (Bullish) बना हुआ है। साथ ही कोविड महामारी का संकट झेलने के बाद इंडियन ज्वैलरी इंडस्ट्री (Indian Jewellery Industry) अब फिर ग्रोथ ट्रैक पर लौट आई है। देश में रिकार्ड वैक्सीनेशन किए जाने से कोविड को कंट्रोल करने में सफलता मिली है। रिटे‍ल उपभोक्ताओं में फिर उत्साह का संचार हो रहा है, जिससे हमें आगामी फेस्टिव व मैरिज सीजन में काफी अच्छी मांग निकलने की उम्मीद है।

अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों और विश्व स्तर पर बढ़ती महंगाई के कारण आगामी महीनों में गोल्ड कीमतों में तेजी आने की संभावना लग रही है। उपभोक्ताओं के हॉलमार्क युक्त ब्रांडेड ज्वैलरी (Branded Jewellery) के प्रति बढ़ते रूझान के चलते देश में ग्रोथ तेज होने की उम्मीद है। ग्लोबल ज्वैलरी इंडस्ट्री में 2025 तक 3-4% की वार्षिक ग्रोथ का अनुमान है। जबकि ब्रांडेड ज्वैलरी सेगमेंट में 8-12% ग्रोथ आने के आसार हैं। वर्तमान में पूरी इंडस्ट्री में ब्रांडेड ज्वैलरी की हिस्सा 18% है, जो वर्ष 2025 तक 25-30%  यानी 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। 

फेडरल रिजर्व के निर्णय पर निगाहें : श्रीराम अय्यर

रिलायंस सिक्युरिटीज (Reliance Securities) के वरिष्ठ विश्लेषक श्रीराम अय्यर का कहना है कि यह सही है कि घरेलू मांग बढ़ रही है, परंतु सोने की कीमतें ग्लोबल मार्केट के रूख पर निर्भर होती है। ग्लोबल मार्केट का रूख फिलहाल पॉजिटिव है और आगे का आउटलुक ब्याज दरों के संबंध में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के निर्णय पर ज्यादा निर्भर करेगा। फेड की अगली अहम बैठक 14-15 दिसंबर 2021 को है। इस बैठक में आगामी वर्ष की नीति घोषित होगी।

यदि बढ़ती महंगाई के कारण फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दरों को 2023 की बजाय 2022 में ही बढ़ाने की घोषणा करता है तो यूएस बॉन्ड यील्ड (US Bond Yields) बढ़ेगी और डॉलर (US Dollar) मजबूत होगा। तब सोने की कीमतों में दबाव बन सकता है। इसलि‍ए आगे का ट्रेंड फेड के फैसले पर ही निर्भर है। तब तक सोना और चांदी एक सीमित रेंज में रहने के आसार हैं। सोने के लिए पहला अवरोध स्तर 48,200 रुपए और दूसरा स्तर 49,000 रुपए है। जबकि नीचे में 47,000 रुपए काफी मजबूत समर्थन स्तर है। इसी तरह चांदी के लिए अवरोध स्तर 68,000 रुपए और समर्थन स्तर 58,000 रुपए है।