Greed in IPO market

  • छोटे निवेशकों को लूटते लालची प्रमोटर और मर्चेंट बैंकर

Loading

मुंबई. शेयर बाजार (Share Market) में जोरदार तेजी का फायदा उठाने के लिए लाचची कंपनी प्रमोटर (Company Promoters) और लालची मर्चेंट बैंकर (Merchant Bankers) फिर से सक्रिय हो गए हैं और वे नियामक ‘सेबी’ (SEBI) द्वारा दी गई प्रीमियम निर्धारण की खुली छूट का नाजायज फायदा उठाते हुए मनमाने दामों पर सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाकर  छोटे  निवेशकों (Retail Investors) को जमकर लूट रहे हैं. अब तो इनके लालच की इंतहा होने लगी है. इस सप्ताह आईपीओ मार्केट में उतरी दो कंपनियों ने तो लालच की सारी हदें ही पार कर दी है.

जहां इंडिगो पेंट्स (Indigo Paints) 140 के अत्याधिक पीई रेशियो (PE Ratio) यानी मूल्य/आय अनुपात पर शेयर बेच रही है, वहीं होम फर्स्ट फाइनेंस (Home First Finance) ने 47 के महंगे पीई रेशियो पर आईपीओ मूल्य रखा है. इनके विपरीत केंद्र सरकार (Central Goverment) ने अपनी ब्लूचिप वित्त कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कार्पोरेशन (IRFC) का आईपीओ बहुत ही सस्ते दाम यानी 8 के पीई रेशियो पर जारी कर निवेशकों के लिए भरपूर फायदे की गुंजाइश रखी है.

इंडिगो पेंट्स का आईपीओ सबसे महंगा

डेकोरेटिव पेंट बनाने वाली इंडिगो पेंट्स ने 140 के सबसे महंगे पीई रेशियो (ईपीएस 7.68 रुपए) पर अपना आईपीओ मूल्य 1490 रुपए रखा है, जबकि देश की नंबर वन पेंट कंपनी एशियन पेंट्स (Asian Paints) का शेयर भाव वर्तमान में 97 के पीई रेशियो पर ही चल रहा है. क्या बाजार में इंडिगो पेंट्स का शेयर एशियन पेंट्स जैसी ब्लूचिप (Bluechip) कंपनी से अधिक मूल्यांकन (वैल्यूएशन) पर ज्यादा दिन टिक पाएगा? इसकी संभावना बहुत ही कम है. इंडिगो पेंट्स का आईपीओ संभवत: अब तक के सबसे महंगे वैल्यूएशन पर जारी किया गया है. लगता है कि इसके प्रमोटरों और इसके मर्चेंट बैंकरों ने लालच की सारी हदें ही पार कर दी हैं.

होम फर्स्ट फाइनेंस का शेयर HDFC के दोगुने वैल्यूएशन पर

मार्केट में उतरी दूसरी कंपनी होम फर्स्ट फाइनेंस भी काफी महंगे मूल्यांकन पर आईपीओ ला रही है. आवास वित्त क्षेत्र की इस छोटी कंपनी ने तो देश की नंबर वन आवास वित्त कंपनी HDFC लिमिटेड के भी करीब दोगुने वैल्यूएशन पर अपना शेयर मूल्य रखा है. बाजार में HDFC का शेयर 28 के पीई पर चल रहा है, लेकिन होम फर्स्ट अपने मात्र 2 रुपए के फेस वैल्यू वाला शेयर 47 के महंगे पीई (EPS 11 रुपए) पर बेच रही है. यदि 10 रुपए फेस वैल्यू के आधार पर देखा जाए तो होम फर्स्ट का आईपीओ मूल्य 518 रुपए नहीं बल्कि 2590 रुपए हो जाएगा. क्या HDFC जैसी ब्लूचिप कंपनी से दोगुने वैल्यूएशन पर होम फर्स्ट जैसी छोटी कंपनी का शेयर खरीदना उचित होगा?

3 महीने पहले होम फर्स्ट ने 54% कम मूल्य पर बेचे थे शेयर

आश्चर्य की बात यह कि तीन महीने पहले ही होम फर्स्ट ने प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में विदेशी फंड वारबर्ग पिनकस को अपने शेयर मात्र 335 रुपए के भाव से बेचे थे. फिर क्या तीन माह में होम फर्स्ट को क्या कोई गोल्ड माइन्स मिल गई है, जो वह कॉमन इन्वेस्टर्स से 183 रुपए प्रति शेयर अधिक यानी 54% अधिक मूल्य वसूल रही है? जाहिर है होम फर्स्ट फाइनेंस के प्रमोटर और इसके मर्चेंट बैंकर शेयर बाजार (Stock Market) में आ रही तेजी का पूरा फायदा उठा लेना चाहते हैं यानी ज्यादा से ज्यादा माल बटोर लेना चाहते हैं.

छोटे निवेशकों के लिए होगा नुकसानदेह

विश्लेषकों का कहना है कि एक तरफ केंद्र सरकार अपनी लाभप्रद, लाभांश प्रदाता और बुनियादी रूप से मजबूत कंपनियों के आईपीओ में 8 से लेकर 20 तक के बेहद सस्ते पीई रेशियो यानी आकर्षक मूल्यांकन पर शेयर बेच रही है और छोटे निवेशकों के लिए अच्छे फायदे की पूरी गुंजाइश छोड़ रही है. तो दूसरी तरफ निजी क्षेत्र की कंपनियों के प्रमोटरों और उनके मर्चेंट बैंकरों का लालच बढ़ता जा रहा है.

अब तो 30 या 40 नहीं बल्कि 140 के अत्याधिक महंगे पीई रेशियो पर आईपीओ लाने लगे हैं. इसका मतलब निवेशकों के लिए फायदे की कोई गुंजाइश ही नहीं छोड़ी है. यह लालच की इंतहा है. यह लूट ऐसे ही जारी रही तो छोटे निवेशकों के लिए बहुत नुकसानदेह होगा और आईपीओ मार्केट में फिर मंदी छा जाएगी. जैसा पिछले वर्षों में कई बार हो चुका है. जनवरी 2008 में रिलायंस पावर (Reliance Power) के अत्याधिक महंगे आईपीओ के बाद लंबी मंदी छा गई थी. विगत ‍‍वर्षों में रिलायंस पावर जैसी अनेक कंपनियों में किया गया लाखों निवेशकों का निवेश आज लगभग पूरी तरह डूब चुका है. तब भी प्रमोटरों और मर्चेंट बैंकरों ने लुभावना प्रचार कर निवेशकों को ऐसे ही सब्जबाग दिखाए थे.   

जिस तरह से बजट के पहले अत्याधिक महंगे भावों पर कई कंपनियां आईपीओ ला रही हैं, उसे देखते हुए लग रहा है कि कंपनी प्रमोटरों और मर्चेंट बैंकरों को बजट बाद बाजार में तेजी जारी रहने में संदेह है और वे इस तेजी का जमकर फायदा उठा लेना चाहते हैं. ऐसे में निवेशकों को चाहिए कि वे लालची लोगों के झांसे में ना आए और यदि वे ग्रे मार्केट के भाव देख कर ऐसे महंगे आईपीओ में निवेश कर भी रहे हैं तो लिस्टिंग पर तुरंत बेच भी दें. क्योंकि इतनी ऊंची कीमतों पर इनके शेयर ज्यादा दिन टिक पाना मुश्किल होगा. मार्केट अंतत: वैल्यूएशन ही देखता है.

-अरूण केजरीवाल, अध्यक्ष, केजरीवाल रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज

सेबी तय करें आईपीओ मूल्य अब वक्त आ गया है कि सेबी को आईपीओ मूल्य निर्धारण का काम भी अपने हाथ में लेना चाहिए. क्योंकि कई कंपनी प्रमोटरों का लालच बढ़ता जा रहा है. अभी तो बाजार में तेजी है, लेकिन जैसे ही मंदी आएगी. ऐसी कंपनियों के शेयर नुकसान में आ जाएंगे. तब छोटे निवेशक फंस जाएंगे. हमेशा ऐसा ही होता है. दूसरे, वर्तमान में जो आईपीओ आ रहे हैं, उनमें छोटे निवेशकों को तो शेयर ही नहीं मिल रहे हैं. और बाजार में ऊंची लिस्टिंग कराने के बाद कुछ दिनों में भाव नीचे आने लगते हैं.

-जी. राजारामन, वरिष्ठ पत्रकार एवं निवेशक