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नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अंतरिम बजट (Budget 2024 ) पेश करते हुए बेरोजगारी (Unemployment) के बारे में एक शब्द नहीं बोला। प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दिन पर दिन महंगाई बढ़ती जा रही है और इसका सबसे ज़्यादा बोझ महिलाएं उठाती हैं। दूसरी तरफ, महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और कार्यस्थल पर भी उनके साथ भेदभाव होता है।”
उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी एजेंसी पीएलएफएस के अनुसार, महिला अस्थायी कामगारों को एक जैसे काम के लिए पुरुषों की तुलना में 48 प्रतिशत कम पैसे मिलते हैं। वहीं, स्थायी महिला कामगारों को पुरुषों के मुकाबले 24 प्रतिशत कम पैसे मिलते हैं।” कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों के बीच, सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि इन विसंगतियों को दूर करने के लिए बजट में कोई बात नहीं की गई।”
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘भारत की जनता जिन दो सबसे बड़ी मुसीबतों का सामना कर रही है, वो है बेरोजगारी और महंगाई। केंद्र सरकार के बजट में इन दोनों मुसीबतों से निपटने के क्या उपाय हुए?” उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बेरोजगारी सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। आईआईएम और आईआईटी जैसे देश के बड़े-बड़े संस्थान प्लेसमेंट की चुनौती से जूझ रहे हैं। बजट में नई नौकरियां सृजित करने और बेरोजगारी से निपटने का न तो कोई विजन है, न कोई योजना। सबसे बड़ा दुर्भाग्य कि वित्त मंत्री जी ने बेरोजगारी पर एक भी शब्द नहीं बोला।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसी तरह, महंगाई से जूझ रही आम जनता को भी इस बजट से निराशा हाथ लगी। उन्होंने कहा, ‘‘आम गरीब और मध्यम वर्ग पिछले दस सालों से राहत के इंतजार में है। मध्यम वर्ग को कोई टैक्स राहत नहीं दी गई। महंगाई और बेरोजगारी रोक पाने में नाकाम भाजपा सरकार ने हर वर्ग को निराश किया है।”
(एजेंसी)