LIC IPO
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    मुंबई: भारत के ‘कोहिनूर’ में निवेश के लिए देश-विदेश के निवेशकों का दो साल का लंबा इंतजार आखिरकार पूरा हो गया है और सबसे बड़ा आईपीओ (IPO) 4 मई 2022 को खुलने जा रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड (LIC) के मेगा आईपीओ की। देश के जीवन बीमा उद्योग (Life Insurance Industry) में 66 वर्षों से लगातार मार्केट लीडर और भारत सरकार की सबसे मूल्यवान कंपनी एलआईसी के सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सबसे पहले 2020 के बजट में की थी, लेकिन पहले चाइनीज वायरस कोविड की महामारी और अब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से देरी होती गई। इन कारणों से आईपीओ की साइज भी कम की गयी है। 

    पहले 1 लाख करोड़ या 75,000 करोड़ रुपए का आईपीओ की योजना बनाई गयी थी, लेकिन शेयर बाजार में तेजी का दौर थमने के कारण अब आईपीओ की साइज घटाकर अधिकतम 20,557 करोड़ रुपए कर दी गयी है। सरकार का यह कदम भी निवेशकों (Investors) के हित में ही है, क्योंकि सरकार अपनी 100% हिस्सेदारी में से अब 5% की बजाय सिर्फ 3.5% हिस्सेदारी ही बेच रही है। पहले कुल 31.62 करोड़ इक्विटी शेयर बेचे जाने थे, परंतु अब 22.14 करोड़ शेयर ही आईपीओ में बेचे जा रहे हैं। कम शेयरों की बिक्री से लिस्टिंग (Listing) के बाद बाजार (Stock Market) में फ्लोटिंग शेयर भी कम होंगे, जिसके कारण मांग बनी रहेगी और शेयर भाव में तेजी की संभावना भी बढ़ जाएगी।

    सही मायने में ‘कोहिनूर’

    कुल बीमा प्रीमियम आय (Insurance Premium Income) के हिसाब से एलआईसी दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी और कुल संपत्ति (Assets) के आधार पर 10वीं सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। 34.4 ट्रिलियन के बीमा कोष, 37.7 ट्रिलियन के निवेश तथा 40 ट्रिलियन रुपए से अधिक के प्रबंधन कोष (AUM) के साथ एलआईसी सही मायने में ‘कोहिनूर’ है। इसका प्रबंधन कोष अन्य सभी 24 निजी बीमा कंपनियों के कुल कोष की तुलना में 3.2 गुना ज्यादा है। वर्ष 1956 में स्थापित एलआईसी 24 निजी कंपनियों की कड़ी प्रतिस्पर्धा का आसानी से सामना करते हुए हुए आज भी सबसे भरोसेमंद बीमा कंपनी है। साथ ही नई पॉलिसियों की संख्या में 74.6% हिस्सेदारी और न्यू बिजनेस प्रीमियम आय में 66.2% हिस्सेदारी के साथ नंबर वन है। वर्तमान अध्यक्ष मंगलम आर. कुमार (M.R. Kumar) के कुशल नेतृत्व में एलआईसी की प्रगति और तेज हुई है।

    सभी ब्ल्यूचिप कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी

    वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) 18.88 ट्रिलियन रुपए के मार्केट कैप के साथ सबसे बड़ी और 13 ट्रिलियन रुपए के साथ टीसीएस (TCS) दूसरी बड़ी ब्ल्यूचिप कंपनी है। खास बात यह भी है कि इन दोनों ब्ल्यूचिप कंपनियों (Blue Chip Companies) में एलआईसी की क्रमश: 6.1% एवं 3.6% इक्विटी हिस्सेदारी है। यहीं नहीं इंफोसिस, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, बजाज फिनसर्व, बजाज ऑटो, मारूति, महिंद्रा, टीवीएस, बीपीसीएल, आईओसी, गेल, विप्रो, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एनएसई, अंबुजा सीमेंट, बाटा, टाटा पावर, पिडिलाइट, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, आईटीसी, वेदांता सहित देश की लगभग सभी ब्ल्यूचिप में एलआईसी की अच्छी खासी हिस्सेदारी है । इस तरह एलआईसी में निवेश करने का मतलब सभी ब्ल्यूचिप स्टॉक में भी अप्रत्यक्ष रूप से आपका निवेश हो जाएगा। एलआईसी की लाभांश आय ही 1.76 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।   

    आकर्षक मूल्य पर दे रही है सरकार

    सरकार ने पूर्णत: ऋणमुक्त, निरंतर लाभप्रद एवं लाभांश प्रदाता और 8230 करोड़ रुपए के नेटवर्थ वाली एलआईसी के 10 रुपए फैस वैल्यू वाले शेयर का मूल्य दायरा 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया है, जो काफी आकर्षक माना जा रहा है। 5.4 लाख करोड़ रुपए की एम्बेडेड वैल्यू (Embedded Value) के आधार पर एलआईसी का शेयर भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की दिग्गज बीमा कंपनियों की तुलना में 1.11 गुना की काफी सस्ती वैल्यूएशन पर ऑफर किया जा रहा है। एसबीआई लाइफ (SBI Life) और एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) के शेयर इनकी एम्बेडेड वैल्यू की तुलना में 3 से 4 गुना पर ट्रेड कर रहे हैं।

    पॉलिसीधारक, रिटेल निवेशक, कर्मचारियों को विशेष छूट

    आईपीओ में जहां पॉलिसीधारकों (Policyholders) को 60 रुपए प्रति शेयर की छूट मिलेगी, वहीं खुदरा निवेशकों (Retail Investors) और कर्मचारियों को भी 45 रुपए की छूट दी जाएगी। आईपीओ में बोलियां 15 शेयरों के लॉट में लगाई जाएंगी। खुदरा निवेशक, जो पॉलिसीधारक भी हैं, वे दोनों कैटेगरी (रिटेल और पॉलिसीहोल्डर) में निवेश कर सकते हैं। निवेश के लिए आईपीओ 9 मई तक खुला रहेगा और 17 मई तक बीएसई और एनएसई में लिस्ट हो जाने की उम्मीद है।

    एलआईसी के इतिहास को 3 महत्वपूर्ण चरणों में देखा जा सकता है। पहला, राष्ट्रीयकरण और दूसरा, बीमा उद्योग को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का निर्णय था। दोनों ही चरणों में एलआईसी और मजबूत हुई है। अब तीसरा चरण स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग का निर्णय है। लिस्टिंग से शेयरधारकों से कनेक्ट होने और शेयरधारक वैल्यू क्रिएट करने के प्रति एलआईसी की जवाबदेही और बढ़ जाएगी। हम इसके लिए तैयार हैं। जहां तक आईपीओ वैल्यूएशन की बात है, भारत में अपनी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले एलआईसी बहुत ही बड़ी है। इसलिए उनसे तुलना करना उचित नहीं है। यह बात निवेशक समझ रहे हैं। यही कारण है कि हमें एंकर (संस्थागत) और रिटेल निवेशक, दोनों से ही आईपीओ में बहुत अच्छी मांग मिलती दिखाई दे रही है। आईपीओ में पॉलिसीधारकों के लिए 6% से अधिक छूट के साथ शेयर रिजर्व रखे गए हैं। फरवरी और मार्च में बड़ी संख्या में पॉलिसीधारकों ने नए डीमैट खाते खुलवाए है। जिसे देखते हुए हमें उम्मीद है कि एलआईसी के आईपीओ में निवेश करते हुए बड़ी संख्या में नए निवेशक इक्विटी मार्केट में आएंगे।

    - मंगलम आर. कुमार, अध्यक्ष, एलआईसी

    बाजार में आएगी निवेश की नई लहर : मेहता

    मेहता इक्विटीज (Mehta Equities Ltd.) के अध्यक्ष राकेश मेहता का कहना है कि संपूर्ण म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री (Mutual Fund Industry) के प्रबंधन कोष (38 ट्रिलियन रुपए) से भी अधिक 40 ट्रिलियन रुपए की पब्लिक मनी का प्रबंधन करने वाली सर्वाधिक मूल्यवान एलआईसी के आईपीओ के प्रति भारतीय निवेशकों में ही नहीं बल्कि भारत में निवेश करने वाले अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में जबरदस्त ‘क्रेज’ देखा जा रहा है। परंतु आईपीओ की साइज छोटी है। एलआईसी की सिर्फ 3.5% इक्विटी ही बेची जा रही है। उम्मीद है कि एलआईसी के करोड़ों पॉलिसीधारक भी बड़ी संख्या में निवेश करेंगे। इस तरह यह आईपीओ रिकॉर्ड आवेदन के साथ एक नया इतिहास रचेगा। संभव है ओवरसब्सक्राइब होने पर सभी निवेशकों को अलॉटमेंट ना मिले। इसलिए लिस्टिंग के बाद जब भी बाजार में मंदी आए, उस समय यदि एलआईसी का शेयर नीचे आए तो अवश्य खरीदना चाहिए, क्योंकि यह अपनी तरह की अलग ही ब्ल्यूचिप है। एलआईसी के पास जिस तरह की धरोहर है, विशाल फंड है। सभी बेहतरीन निवेश पोर्टफोलियो है, उसकी अन्य किसी से तुलना नहीं की जा सकती है। इसलिए यह आईपीओ पूंजी बाजार में एक मील का पत्थर साबित होगा और इससे बाजार में निवेश की एक नई लहर आएगी।

    आईपीओ मूल्य आकर्षक : होलानी

    होलानी कंसल्टेंट्स प्रा. लिमिटेड (Holani Consultants Pvt. Ltd.) के निदेशक अशोक होलानी का कहना है कि भारत सरकार के इस ‘कोहिनूर’ में निवेश के लिए देश में हर छोटा-बड़ा निवेशक इन्वेस्ट करने के लिए उत्सुक है। यहीं नहीं एलआईसी के करोड़ों ऐसे पॉलिसीधारक, जिन्होंने कभी शेयर बाजार में निवेश नहीं किया, वे भी एलआईसी पर अटूट भरोसे के कारण एलआईसी के शेयर खरीदेंगे। सरकार ने पॉलिसीधारक और रिटेल इन्वेस्टर को विशेष डिस्काउंट देकर आईपीओ को और भी आकर्षक बना दिया है। इसीलिए यह आईपीओ भारी सफलता के साथ आवेदन का नया रिकार्ड भी बनाएगा। एलआईसी के आईपीओ में निवेशकों को लिस्टिंग के समय लाभ के साथ लॉन्ग टर्म में भी बहुत अच्छे रिटर्न और वैल्यू क्रिएशन की पूरी संभावना रहेगी। इसलिए एलआईसी के शेयर को हर कोई निवेशक अपने बच्चों के लिए निवेश पोर्टफोलियो में ‘कोहिनूर’ की तरह संभाल कर रखना चाहेगा।

    भारतीय पूंजी बाजार में LIC IPO रचेगा नया इतिहास: श्रीधर

    पेटीएम मनी (Paytm Money) के सीईओ वरूण श्रीधर का कहना है कि अति मूल्यवान एलआईसी का आईपीओ निश्चित ही भारतीय पूंजी बाजार में नया इतिहास रचेगा। जहां इसमें रिकॉर्ड संख्या में लोग निवेश करेंगे, वहीं लिस्टिंग के बाद एलआईसी टॉप 10 में और बाद में निफ्टी-50 (Nifty) में भी शामिल की जाएगी। इसे सभी फंड मैनेजर अपने पोर्टफोलियों में रखना चाहेंगे। नंबर 1 कंपनी होने के कारण इससे बीमा उद्योग के विकास में तेजी आएगी। देश भर में एलआईसी के पॉलिसीधारक डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हैं। पेटीएम मनी ने भी पिछले माह 75 हजार नए डीमैट अकाउंट खोले। एलआईसी के आईपीओ में निवेश के लिए बड़े शहरों के ही नहीं छोटे शहरों के निवेशक भी आतुर हैं। इसलिए पेटीएम मनी ने सभी नए निवेशकों के लिए डिमैट और ट्रेडिंग खातों का शुल्क लाइफटाइम फ्री करने का निर्णय लिया है। साथ ही हमने पेटीएम और पेटीएम मनी एप पर आईपीओ इन्वेस्ट प्रोसेस काफी आसान कर दिया है। जिससे कोई भी निवेशक देश में पेटीएम एप डाउनलोड कर या नजदीकी पेटीएम दुकानदार के जरिए आसानी से निवेश कर सकता है। अब ‘सेबी’ ने एचएनआई (HNI) के लिए ‘यूपीआई’ (UPI) के द्वारा आईपीओ निवेश की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर सराहनीय कदम उठाया है। एचएनआई के लिए भी हमने नई सेवा शुरू की है।