म.प्र. में सभी नेताओं पर संकट

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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस के कई नेताओं पर मुसीबत के बादल मंडरा रहे हैं. कमलनाथ सरकार (Kamal nath Government) के कार्यकाल के दौरान पड़े आयकर छापों (Income Tax Raid) में जो दस्तावेज जब्त किए गए उससे सिर्फ नेता ही नहीं, आईएएस व आईपीएस अधिकारियों पर भी आंच आने की संभावना प्रबल हो उठी है. इन दस्तावेजों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने चुनाव आयोग को भेजा था. 904 पेज की रिपोर्ट में 2019 के लोकसभा चुनावों में 281 करोड़ रुपए की बेहिसाबी नकदी के संग्रह और लेनदेन का जिक्र है. इसमें कई नेताओं की भूमिका है. खास बात तो यह है कि इनमें से कुछ नेता अब शिवराजसिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की बीजेपी सरकार में मंत्री हैं.

इन मंत्रियों में सिंधिया समर्थक ज्यादा हैं. इस प्रकरण में चुनाव आयोग के आदेश के बाद 3 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. उनसे भी पूछताछ की जा सकती है. अब तैयारी यह है कि आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज होते ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इसमें सक्रियता दिखाएगा और फिर कांग्रेस के कई नेताओं की घेराबंदी की जाएगी. मध्यप्रदेश सरकार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की सिफारिश पर इस प्रकरण में शामिल लोगों पर केस दर्ज करने की तैयारी में है. सीबीडीटी की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी भी 2 खेमों में बंट गई है. एक खेमा चाहता है कि इस रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम आए हैं, उनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराई जाए जबकि दूसरा खेमा चाहता है कि पहले इसकी जांच की जाए.

जो सिंधिया समर्थक मंत्री व विधायक कमलनाथ का साथ छोड़कर बीजेपी में आ गए थे, उनके नाम इस बेहिसाबी लेन-देन में शामिल हैं. दस्तावेजों में लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा, नगरीय विकास व प्रशासन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला बाल विकास व एमपी एग्रो जैसे विभागों से लेनदेन का उल्लेख है. तब करोड़ों रुपए कांग्रेस मुख्यालय भेजे गए थे. कोई विकास न करते हुए मोटी रकम हेराफेरी से निकाल ली जाती है. इससे यही लगता है कि पार्टी का खजाना इसी तरह भरता है. ईडी की जांच में आए नौकरशाहों से पूछताछ कर उनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है. ये अधिकारी अपनी संपत्ति अटैच होने से बचाने के लिए उन नेताओं के नाम बता सकते हैं जिनके इशारे पर वे काम कर रहे थे. इस मामले में यदि सख्त कार्रवाई हुई तो कांग्रेस के नेताओं के अलावा शिवराज सिंह सरकार के सिंधिया समर्थक मंत्री भी फंसेंगे जो कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे. ऐसा होने पर शिवराज सरकार की भी दिक्कतें बढ़ जाएंगी.