Seven arrested in connection with the murder of a man in Dharavi, Mumbai, a woman was also among the accused

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राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो द्वारा जारी 2019 (National Crime Records Bureau 2019 report) के आंकड़ों के मुताबिक नागपुर महाराष्ट्र की क्राइम कैपिटल (Crime Capital of Nagpur Maharashtra) है और सर्वाधिक अपराधों के मामले में देश में नंबर 2 पर है यह स्थिति अत्यंत गंभीर और चिंताजनक लगती है परंतु यह भी ध्यान देने वाली बात है कि नागपुर देश के बीचों बीच सीमा होने से अपराधियों की पहुंच व जमाव यहां ज्यादा होता है. इसके अलावा जहां औद्योगीकरण व इन्फ्रास्ट्रक्चर का विका होने लगता है, वहां अपराध बढ़ते देखे गए हैं. मिसाल के तौर पर 70 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड पनपने लगा था.

90 के दशक में पुणे में यही हालत देखी गई थी. जब कोई शहर महानगर के रूप में परिवर्तित होने लगता है और उसका व्यापक फैलाव होता  है तो अपराध भी बढ़ने लग जाते हैं. जहां आबादी का धनत्व बढ़ता है यहां कमिश्नेरेट का विभाजन होता है लेकिन नागपुर में ऐसा नहीं किया गया. महाराष्ट्र की उपराधानी नागपुर में 3 बड़े पुलिस स्टेशन कामठी व हिंगणा को नागपुर पुलिस आयुक्तालय में शामिल किया गया. दक्षिण नागपुर का बेसा-बेलतरोडी इलाका भी नागपर शहर में समाविष्ट कर लिया गया जो पहले ग्रामीण में आता था. इस विस्तार की वजह से भी पिछले कुछ वर्षों में यहांके अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी नजर आती है. इसमें कोई शक नहीं कि रिपोर्टेबल क्राइम रेट बढ़ा दिखाई देता है.

6 वर्षों से महाराष्ट्र के गृहमंत्री नागपुर से ही हैं. पहले पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के पास यह विभाग था. महाविकास आघाडी सरकार बनने के बाद अनिल देशमुख के पास गृह विभाग है. उनके प्रयासों के बाद भी अपराधों पर अंकुश भी लग गया जिसके विभिन्न कारण हैं. नेता-पुलिस व अपराधियों के मिलीभगत तोड़ने की बड़े पैमाने पर कोशिश हुई. यह गठजोड़ टूटा भी लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं हो पाया. 2019 में प्रति 1 लाख की आबादी पर होने वाली हत्याओं में नागपुर दूसरे नंबर पर आया. यहां 1 लाख जनसंख्या पर 3.7 हत्याएं हुईं. अपराध कभी पूरी तरह समाप्त नहीं हो सकते किंतु उनकी तादाद जरूर घटाई जा सकती है. अपराधी गुटों की वर्चस्व होड़ व बदले की भावना से भी खूनखराबा होता है.