
मुंबई: अपनी सुरीली आवाज और बेमिसाल गायकी से लोगों के दिलों पर राज करने वाली लता मंगेशकर प्लेबैक सिंगर बनने से पहले एक्टिंग में भी हाथ आजमा चुकी हैं। हालांकि, उनकी किसी भी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लता जी ने 8 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। आज लता जी की 93वीं बर्थ एनिवर्सरी पर आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी अहम बातें।
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पारिवारिक मज़बूरी के कारण फिल्मों में किया काम
लता मंगेशकर ने बचपन से ही अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर को थिएटर में अभिनय करते देखा था। जब लता के सिर से पिता का साया उठ गया तो मां और छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी उन पर आ गई। ऐसे में पारिवारिक मजबूरी के कारण लता ने भी अभिनय करना शुरू कर दिया। बता दें कि लता जी ने 1942 से 1948 तक 8 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
ऐसे हुआ एक्टिंग से मोहभंग
पिता के देहांत के बाद लता मंगेशकर अपनी फैमिली के साथ मुंबई आ गईं। यहां उन्हें एक्टिंग का काम मिला तो गायिकी को पीछे रखकर एक्टिंग शुरू कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लता ने हिंदी-मराठी मिलाकर करीब 8 फिल्मों में काम किया था। बेहद सादगी से रहने वाली लता का जब ऑडिशन लिया गया था तब उनकी आईब्रो काफी मोटी थी। एक डायरेक्टर को उनके आईब्रो से दिक्कत हुई तो उन्होंने ट्रिम करवा कर पतला करने को कहा। ऐसे में काम हाथ से निकल जाने के डर से लता जी ने अपनी आईब्रो को कटवा दिए। लेकिन यही एक वजह भी थी जिसके कारण एक्टिंग से उनका मोहभंग हो गया।
The voice, the aura, the simplicity and the smile…
Lives on.. pic.twitter.com/cm2QsKnLCL— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) March 28, 2022
पतली आवाज के कारण मिला था रिजेक्शन
लता मंगेशकर को एक्टिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। वह 5 साल की उम्र से गाना गा रही थी। लेकिन उस समय कोई उन्हें गाने का काम देने को तैयार नहीं था। दरअसल, उनकी पतली आवाज और उर्दू उच्चारण के कारण संगीतकार उन पर भरोसा करने को तैयार नहीं थे।
इस तरह बनीं सुरों की मल्लिका
ऐसे में मास्टर गुलाम हैदर ने उनपर भरोसा जताया। उन्होंने लता जी की सिफारिश उस जमाने के मशहूर निर्देशक शशधर मुखर्जी से की, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। इस रिजेक्शन को हैदर ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया। उन्होंने कमाल अमरोही की फिल्म ‘महल’ के गाने लता जी से गवाए जो काफी सफल रहे। इसके साथ ही लता जी सुरों की मल्लिका बन गईं।
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) January 1, 2022
इन गानों ने छू लिया लोगों का दिल
किसे पता था कि फिल्म ‘महल’ से अपने गायकी का सफर शुरू करने वाली लता की आवाज एक दिन देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में गूंजेगी। लता मंगेशकर ने ‘लग जा गले’, ‘भीगी-भीगी रातों में’, ‘तेरा बिना जिंदगी से’, ‘अजीब दास्तां है ये’, ‘तुम आ गए हो नूर आ गया है’, ‘एक प्यार का नगमा है’, ‘ तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’ समेत हजारों गानों में अपनी सुरीली आवाज का जादू ऐसा बिखेरा कि आज भी हर पीढ़ी के लोग लता के गाने गुनगुनाते नजर आते हैं।