मुंबई : मुंबई (Mumbai) उच्च न्यायालय (High Court) ने एक मराठी फिल्म (Marathi Film) में नाबालिगों (Minors) से जुड़े अश्लील दृश्य (Porn Scenes) के मामले में फिल्मकार (Filmmaker) महेश मांजरेकर (Mahesh Manjrekar) को गिरफ्तारी (Arrest) या किसी दंडात्मक (Punitive) कार्रवाई से कोई राहत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया है।
मुंबई पुलिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में महेश मांजरेकर और फिल्म ‘नाय वरनभात लोन्चा कोन नाय कोन्चा’ के अन्य निर्माताओं के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। महेश मांजरेकर ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मामले को खारिज करने और गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा का अनुरोध किया। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोई आदेश देने से इनकार कर दिया और याचिका पर सुनवाई 28 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है।
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हाल में रिलीज हुई इस फिल्म में कथित तौर पर नाबालिकों से संबंधित अश्लील सामग्री है। फिल्म निर्माता के वकील शिरीष गुप्ते ने दलील दी कि पॉक्सो कानून का उद्देश्य यौन अपराधों के मामलों में बच्चों की रक्षा करना है। गुप्ता ने कहा, ‘वास्तव में फिल्म में लड़कों के साथ कुछ भी नहीं हुआ है। यह सिर्फ कला का प्रदर्शन है। ट्रेलर में दिखाए गए दृश्य फिल्म का हिस्सा नहीं है। ट्रेलर को भी यूट्यूब से हटा दिया गया है।’
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उन्होंने आगे अदालत से कहा कि मामले में हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। सहायक लोक अभियोजक माधवी म्हात्रे और संगीता शिंदे ने याचिका का विरोध किया और कहा, ‘माहिम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत गंभीर आरोप हैं।’ दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, ‘हम राहत प्रदान नहीं कर सकते।’ (एजेंसी)