Bollywood Inside Story
रणबीर कपूर, चेन गन और बैटल टैंक की फोटो (Photo - Social Media)

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नवभारत एंटरटेनमेंट डेस्क : एक्शन फिल्मों (Action Film) में हथियार (Weapon) भी अहम भूमिका निभाते हैं। जिसके कारण ऑडियंस को फिल्म देखने का भरपूर आनंद मिलता है। ऐसी फिल्मों में हमेशा बंदूकें, चेन गन, मशीन गन, बैटल टैंक और बम जैसे हथियार नजर आते हैं। ‘गदर’ (Gadar), ‘बॉर्डर’, ‘बॉर्डर 2’, ‘टाइगर 3’, ‘पिप्पा’ और रणबीर कपूर की बीते दिन रिलीज फिल्म ‘एनिमल’ जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में एक्शन सीन के लिए ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि किसी फिल्म की शूटिंग के दौरान ऐसे हथियार कहां से आते हैं और उनकी व्यवस्था कौन करता है।

कुछ लोगों का यह भी मानना है कि फिल्मों में फाइटिंग सीन के लिए वीएफएक्स के जरिए हथियारों को स्क्रीन पर दिखाया जाता है, तो आइए इस कहानी के जरिए यह सब जानते हैं।

टैंक

फिल्मों में फाइटिंग सीन के लिए उन पुराने टैंकों का इस्तेमाल किया जाता है जो सर्विस में नहीं होते हैं। इसके लिए फिल्म की शूटिंग के दौरान उस एरिया के अथॉरिटी से संपर्क किया जाता है और उनसे मदद मांगी जाती है और फिल्मों की शूटिंग के लिए असली टैंक का यूज किया जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि प्रोडक्शन डिजाइनर की टीम ही टैंक डिजाइन करती है।

ब्लास्ट सीन

10 साल पहले फिल्मों में ब्लास्ट सीन के लिए पटाखों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल से बम बनाए जाते थे, जबकि कार ब्लास्ट सीन के लिए उसके इंजन में खुले तारों की मदद से विस्फोट किया जाता था, वहीं अब इस एडवांस टेक्नोलॉजी के जमाने में सीजीआई और वीएफएक्स की मदद से स्टूडियो में ही गनशॉट और ब्लास्ट सीन तैयार किए जाते हैं, जो कम बजट की फिल्मों के लिए काफी मददगार भी साबित होता है।

चेन गन और मशीन गन 

फिल्मों में दिखाए जाने वाली चेन गन और मशीन गन फेक होते हैं, जो चीन और सर्बिया जैसे देशों से भारी संख्या में इम्पोर्ट किया जाता है। इन सभी वेपन के प्रोटोटाइप बनाए जाते हैं और इन्हें इफेक्ट्स के जरिए असली हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इंडिया में बॉलीवुड इन नकली वेपन को ‘एयरसॉफ्ट इंडिया’ से रेंट पर लेती है। इन सभी चीजों का मैजेमेंट प्रोडक्शन मैनेजर संभालता है।