कोई यूं ही नहीं होता 'गुलज़ार'... पढ़िए उनके जिंदगी और मोहब्बत से जुड़ी नज्में
Happy Birthday Gulzar

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    मुंबई : मशहूर (Famous) गीतकार (Lyricist) गुलजार (Gulzar) आज किसी नाम के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने लोगों के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बनाई हैं। गुलजार उर्फ संपूर्ण सिंह कालरा (Sampooran Singh Kalra) का जन्म 18 अगस्त 1934 को एक सिख परिवार में माखन सिंह कालरा और सुजान कौर के घर दीना, झेलम जिले, ब्रिटिश भारत में हुआ था। जोकि अब पाकिस्तान में हैं। गुलजार का आज 88वां जन्मदिन हैं। गुलजार एक इंडियन गीतकार के साथ-साथ कवि, फिल्म निर्देशक, फिल्म निर्माता, लेखक और पटकथा लेखक हैं। जो हिंदी फिल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं।

    उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1963 में संगीत निर्देशक एस.डी. बर्मन की फिल्म ‘बंदिनी’ में एक गीतकार के रूप में किया। गुलजार कई संगीत निर्देशकों के साथ काम किए। जिनमें आर. डी. बर्मन, सलिल चौधरी, विशाल भारद्वाज और ए.आर. रहमान शामिल हैं। गुलजार कई पुरस्कार भी हासिल कर चुके हैं। जिसमें भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फिल्मफेयर पुरस्कार, अकादमी पुरस्कार, ग्रैमी पुरस्कार, पद्म भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार जैसे कई पुरस्कार जीते। अप्रैल 2013 में, गुलजार को असम विश्वविद्यालय का कुलाधिपति के रूप में नियुक्त किया गया था। गुलजार साल 1973 में अभिनेत्री राखी से शादी किए। जिससे उन्हें एक बेटी मेघना गुलजार है।

    मेघना गुलजार ने न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से फिल्म निर्माण में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद ‘जस्ट मैरिड’, ‘दस कहानियां’, ‘तलवार’, ‘राज़ी’ और ‘छपाक’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुकी हैं। साल 1988 में गुलजार ने नसीरुद्दीन शाह अभिनीत और दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले एक टेलीविजन धारावाहिक ‘मिर्ज़ा ग़ालिब’ का निर्देशन किया। गुलजार मुख्य रूप से उर्दू और पंजाबी में लिखते हैं। उनकी कविता ब्रज भाषा, हरियाणवी और मारवाड़ी जैसी कई अन्य भाषाओं में है। उनकी कविताएं तीन संकलनों में प्रकाशित हैं। चांद पुखराज का, रात पश्मीने की और पंद्राह पंच पचत्तर है।