नयी दिल्ली. आज भारत (India) और अमेरिका (America) के मध्य तीसरी 2+2 मंत्री स्तरीय बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) व रक्षा मंत्री मार्क एस्पर (Mark Espar) अपने भारतीय समकक्षों एस. जयशंकर (S.Jaishankar) और राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के साथ मीटिंग करेंगे। बताया जा रह है कि इसमें क्षा एवं सुरक्षा संबंधों के साथ-साथ प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। यह मीटिंग उस समय होने वाली है जब भारत का चीन सीमा गतिरोध अपने उफान पर है।
Secretary Esper and Minister Rajnath Singh commended the conclusion of the Basic Exchange and Cooperation Agreement during the visit, and welcomed the expansion of information-sharing: US Department of Defence https://t.co/IIJx8HL9Dv
— ANI (@ANI) October 27, 2020
क्या-क्या होगा आज ख़ास:
- भारत और अमेरिका के मध्य होगा बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट ऑन जिओस्पैशिअल कोऑपरेशन (BECA) पर समझौता.
- समझौते से भारत को अमेरिकी क्रूज मिसाइलों व बैलिस्टिक मिसाइलों से जुड़ी तकनीक मिलने का रास्ता होगा आसान.
- भारत को मिलेगा अमेरिका से संवेदनशील सेटेलाइट डाटा, जिससे राखी जा सकेगी दुश्मन देशो पर नजर.
गौरतलब है कि बीते सोमवार को भी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हैदराबाद हाउस में मुलाकात की थी। इस मीटिंग से जहाँ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संतुष्ट थे वहीं माइक पोंपियो भी समझ रहे हैं कि इससे दोनों देशों के बीच रिश्तों गहरे हो रहे हैं।
#WATCH: There’s greater alignment of interest b/w US & India, to some extent it has to do with China… but it’s not only about China, there is shared view about Indo-Pacific architecture & inadequacy of regional institutions: Dhruva Jaishankar, Director of US initiative at ORF pic.twitter.com/fjPiMoKeLK
— ANI (@ANI) October 27, 2020
वहीं भारतीय रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि दोनों मंत्री इस यात्रा के दौरान ‘बीका’ पर हस्ताक्षर का लेंगे। इधर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि भारत एक एक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय लीडर की हैसियत रखता है। साथ ही अमेरिका उसके साथ और करीबी संबंध चाहता है। इसके साथ ही उनका कहना था की भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था, उद्यमशीलता को प्रोत्साहन भी देता है और साथ भारत-अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी एक ही नजरिया रखते हैं।