न्यायालय की कुछ पीठों के समक्ष अगले सप्ताह से सामान्य तरीके से मुकदमों की सुनवाई शुरू कर सकती हैं

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नई दिल्ली. ऐसा बताया जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय के सात न्यायाधीशों की एक समिति ने अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के साथ अगले सप्ताह से शीर्ष अदालत की 15 में से दो या तीन पीठ के समक्ष सामान्य तरीके से मुकदमों की सुनवाई शुरू करने की सिफारिश की है। कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण न्यायालय 25 मार्च से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई कर रहा है। लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बावजूद शीर्ष अदालत ने ऑनलाइन ही सुनवाई जारी रखने का फैसला किया है। न्यायमूर्ति एन वी रमन की अगुवाई में सात न्यायाधीशों की समिति ने जुलाई के आखिरी सप्ताह में बार के नेताओं को अपने इस फैसले से अवगत कराया था कि फिलहाल अदालत में पेश होने के बजाए डिजिटल माध्यम से ही सुनवाई जारी रखने का निर्णय लिया गया है और उसने मामले पर पुन: विचार करने के लिए दो सप्ताह बाद उनसे दोबारा मुलाकात करने का भरोसा दिलाया था।

‘सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन’ (एससीएओआरए) के अध्यक्ष शिवाजी एम जाधव ने बताया कि न्यायाशीधों की समिति ने बार के नेताओं से मंगलवार को मुलाकात की और बताया कि वह आगामी सप्ताह से न्यायालय की 15 पीठों में से दो या तीन पीठों के समक्ष डिजिटल माध्यम के बजाए पहले की तरह सामान्य तरीके से सुनवाई शुरू किए जाने पर गंभीरता पर विचार कर रही है। जाधव ने कहा कि इस बीच न्यायालय की रजिस्ट्री सामान्य तरीके से मुकदमों की सुनवाई और काम-काज की तैयारी के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

सूत्रों ने बताया कि न्यायाधीशों की यह समिति इस बारे में आवश्यक कदमों के लिए प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को अपनी सिफारिशें भेजेगा। जाधव के अनुसार समिति ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और एससीएओआरए को बताया कि परीक्षण के तौर पर कम से कम तीन पीठ के समक्ष पहले की तरह मुकदमों की सुनवाई शुरू हो सकती है जो वीडियो कांफ्रें के जरियम हो रही सुनवाई के अलावा होंगी। बार के नेताओं की मांग है कि मामलों की सुनवाई लॉकडाउन लागू होने से पहले की तरह जल्द से जल्द शुरू कर देनी चाहिए, जबकि सीमित मामलों के लिए उन्नत प्रणाली के साथ ऑनलाइन सुनवाई भी जारी रहे।(एजेंसी)