नई दिल्ली. एक अच्छी खबर के अनुसार अब भारत (India) की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) बीते रविवार को देश में ऑक्सफोर्ड निर्मित कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ (Covishield) के आपातकालीन उपयोग की औपचारिक मंजूरी प्राप्त करने के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) को आवेदन करने वाली पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है।
Serum Institute of India applies to Drugs Controller General of India (DCGI) for emergency use authorisation for its Covishield vaccine: Sources#COVID19 pic.twitter.com/bWEwarryd3
— ANI (@ANI) December 7, 2020
As promised, before the end of 2020, @SerumInstIndia has applied for emergency use authorisation for the first made-in-India vaccine, COVISHIELD. This will save countless lives, and I thank the Government of India and Sri @narendramodi ji for their invaluable support.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) December 7, 2020
ख़बरों के अनुसार SII ने कोरोना के लिए चिकित्सा आवश्यकताओं और व्यापक स्तर पर जनता के हित का मसला बताते हुए देते हुए यह मंजूरी दिए जाने का अनुरोध किया था। इससे पहले बीते शनिवार को अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर (Pfizer) की भारतीय इकाई ने उनके द्वारा बनायीं कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी के लिए भारतीय दवा नियामक से आवेदन किया था।
गौरतलब है कि फाइजर (Pfizer) को उसके वैक्सीन के लिए ब्रिटेन और बहरीन से ऐसी ही मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, यहाँ देश में SII ने ICMR के साथ मिलकर बीते रविवार को देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सफोर्ड की करना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण भी किया था । इसमें SII ने बताया कि क्लीनिकल परीक्षण के 4 डाटा में यह अतिमहत्वपूर्ण बात सामने आयी है कि ‘कोविशील्ड’ कोरोना के लक्षण वाले मरीजों, खासकर कोरोना के गंभीर मरीजों के मामले में खासी प्रभावकारी है। उक्त 4 में से 2 परीक्षण डाटा ब्रिटेन के वहीं 1-1 भारत और ब्राजील से सम्बन्ध रखते हैं।
Pfizer India has become the first pharmaceutical firm to seek from the Drugs Controller General of India (DCGI) an emergency use authorisation for its COVID-19 vaccine: Sources pic.twitter.com/lca2h5Ykn9
— ANI (@ANI) December 6, 2020
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही SII के CEO अदार पूनावाला ने बताया था कि कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ परीक्षण में 90% तक असरदार साबित हुई है और यह जल्द ही सब के लिए उपलब्ध हो जाएगी। उनका यह भी दावा था कि दावा कंपनी एस्ट्राजेनेका से 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन खुराक की डील हो गयी है। इसके तहत जनवरी तक ‘कोविशिल्ड’ की न्यूनतम 100 मिलियन कोरोना वैक्सीन की खुराक यहाँ उपलब्ध हो जाएगी और फरवरी के ख़त्म होते होते इसकी सैकड़ों मिलियन डोज तैयार हो जाएँगी।
Adar Poonawalla Speaks About COVISHIELD – Live https://t.co/nN52Be0xIi
— SerumInstituteIndia (@SerumInstIndia) November 28, 2020
जानें EUA या इमर्जेंसी अप्रूवल के बारे में:
EUA यानी इमर्जेंसी यूज अथॅराइजेशन खासकर कर वैक्सीन और दवाओं और यहाँ तक कि डायग्नोस्टिक टेस्ट्स और मेडिकल डिवाइसेज के लिए भी दिया जा सकता है। भाररत में EUA देने का काम सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) रेगुलेटरी बॉडी करती है। यह ख़ास मंजूरी वैक्सीन और दवाओं के सुरक्षा मानकों को ध्यान रखते हुए ही दी जाती है। क्लिनिकल ट्रायल्स के डेटा इसके आधार होते हैं। इस प्रकार की मंजूरी के लिए आमतौर पर वर्षों लग जाते हैं। इसके पहले सबसे कम समय में मंजूरी साढ़े चार साल के बाद दी गयी थी। हालाँकि विश्व में ऐसी व्यवस्था कई देशों में है जहाँ दवाओं और टीकों को अंतरिम मंजूरी दी जाती है। हाँ इसमें जरुरी बात यह है कि इस प्रकार की मंजूरी सम्पूर्ण डेटा के एनालिसिस के बाद ही दी जा सकती है।