नयी दिल्ली/बेंगलुरु. यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बाद पूर्वी यूरोप के इस युद्धग्रस्त देश के खारकीव शहर (Kharkiv) में मंगलवार सुबह गोलाबारी में एक भारतीय छात्र (Indian Student Death) की मौत हो गई। वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने मंगलवार को दावा किया कि सभी भारतीय नागरिकों (Indians) ने कीव (Kyiv) छोड़ दिया है। इसके पहले यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने आज छात्रों सहित सभी भारतीयों को उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से तत्काल कीव छोड़ने का सुझाव दिया था। रूस के हमले के बाद यूक्रेन में जारी युद्ध में यह किसी भारतीय व्यक्ति की मौत का पहला मामला है। गोलाबारी में मारा गया भारतीय यूक्रेन में मेडिकल का विद्यार्थी था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में जारी युद्ध और वहां से भारतीयों, विशेषकर छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए चलाए जा रहे अभियान के बीच मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। पिछले 48 घंटे में यूक्रेन के मुद्दे पर उनकी यह चौथी बैठक है। यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामक सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए वायुसेना को मोर्चे पर जुट जाने को कहा है।
प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक के बाद विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खारकीव में भारतीय नागरिक की मौत पर गहरी पीड़ा जतायी है। उन्होंने बताया कि खारकीव में मारे गये भारतीय छात्र के शव को शहर में एक मेडिकल विश्वविद्यालय के शवगृह में ले जाया गया है। विदेश सचिव ने कहा, “यूक्रेन में खारकीव, सूमी और अन्य संघर्ष क्षेत्रों की स्थिति को लेकर हम बहुत चिंतित हैं।”
Over the next 3 days, 26 flights have been scheduled to bring out Indian citizens apart from Bucharest and Budapest. Airports in Poland and Slovak Republic will also be used: Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla#OperationGanga pic.twitter.com/ctb25bLxKB
— ANI (@ANI) March 1, 2022
उन्होंने बताया कि अगले तीन दिनों में, भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 26 उड़ानें निर्धारित की गई हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सूचना के मुताबिक, हमारे सभी नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि रूस एवं यूक्रेन के राजदूतों को भारत की उस मांग से अवगत करा दिया है कि खारकीव एवं संघर्ष वाले अन्य क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को ‘तत्काल सुरक्षित रास्ता’ मुहैया कराया जाए ।
श्रृंगला ने कहा कि बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा, पोलैंड और स्लोवाक गणराज्य के हवाई अड्डों का भी उपयोग निकासी उड़ानों के संचालन के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वायुसेना का एक सी-17 विमान भारतीयों को वापस लाने के लिए बुधवार तड़के चार बजे रोमानिया के लिए उड़ान भर सकता है । विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का फोन आया था ।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने पोलैंड के राष्ट्रपति से बात की है। इससे पहले सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे ‘‘आपरेशन गंगा” नामक इस अभियान के तहत, कई सी-17 विमान तैनात कर सकती है। इस विमान की क्षमता करीब 300 यात्रियों की है। अभी तक रोमानिया और हंगरी से केवल निजी परिचालकों द्वारा भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद युद्धग्रस्त देश का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है।
वहीं, विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया, ‘‘अत्यंत दुख के साथ हम पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई।” मंत्रालय ने कहा कि वह छात्र के परिवार के संपर्क में है। इसने कहा, “हम परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।”
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि छात्र कर्नाटक के हावेरी जिले के चलगेरी का निवासी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव शहर में मंगलवार सुबह गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के पिता से बात कर संवेदना प्रकट की। वहीं, नवीन के एक चाचा के अनुसार, वह बंकर में था और सुबह के समय जरूरी चीजें और कुछ खाने की वस्तुएं लेने गया था तथा गोलाबारी में फंस गया और उसकी मौत हो गई ।
इससे पहले, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘ कीव में भारतीयों के लिए परामर्श…छात्रों सहित सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे आज तत्काल कीव छोड़ दें । उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य उपलब्ध माध्यम के जरिये।” वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव रूस और यूक्रेन के राजदूतों से बात कर रहे हैं जिसमें वह उन भारतीय नागरिकों के लिए ‘तत्काल सुरक्षित मार्ग’ की भारत की मांग को दोहराएंगे जो अभी भी खारकीव और अन्य शहरों में संघर्ष क्षेत्रों में फंसे हैं। इसने कहा, ‘‘इसी तरह की कार्रवाई रूस और यूक्रेन में हमारे राजदूतों द्वारा भी की जा रही है। खारकीव शहर में यूक्रेनी सैनिकों और रूसी सेना के बीच भीषण लड़ाई हो रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि खारकीव में बिगड़ती स्थिति गंभीर चिंता का विषय है और उस शहर में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही रूसी और यूक्रेनी दूतावासों के साथ खारकीव और संघर्ष वाले अन्य शहरों से छात्रों सहित भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की आवश्यकता का मुद्दा उठा चुका है।
इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘24 फरवरी को इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से रूस और यूक्रेन से यह मांग बार-बार की जाती रही है। नयी दिल्ली में उनके राजदूतों के साथ-साथ उनकी राजधानियों में भी यह मांग की गई है।” सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार की ओर से भारतीयों को निकालने की तैयारी पिछले कुछ समय से की जा रही है।
सूत्र ने कहा, ‘‘यूक्रेनी सीमा के पास रूसी शहर बेलगोरोद में एक भारतीय टीम को तैनात किया गया है। हालांकि, खारकीव और आसपास के शहरों में संघर्ष की स्थिति एक बाधा बन कर रही है।” उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यह जरूरी है कि रूस और यूक्रेन सुरक्षित मार्ग की हमारी आवश्यकता पर तत्काल प्रतिक्रिया दें।”
सूत्रों ने कहा कि जिन जगहों पर संघर्ष से आवाजाही के लिए खतरा नहीं है, वहां भारतीय अधिकारी नागरिकों को निकालने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करना जारी रखेगा। यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित निकासी के प्रयासों के तहत केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी हंगरी जा रहे हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोल्दोवा में निकासी प्रक्रिया की देखरेख करेंगे। वहीं, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया की यात्रा कर रहे हैं और जनरल (अवकाशप्राप्त) वीके सिंह पोलैंड से लगते पारगमन बिंदुओं पर निकासी प्रक्रिया की देखरेख करेंगे। (एजेंसी)