नई दिल्ली: केरल (Kerala) में निपाह वायरस (Nipah Virus) के मामले सामने आने के मद्देनजर कर्नाटक सरकार (Karnataka) ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी की है। कर्नाटक सरकार ने केरल की सीमा से लगे जिलों को अतिरिक्त सतर्क रहने को कहा है। जिला अधिकारियों को केरल से आने वालों में बुखार, परिवर्तित मानसिक स्थिति, गंभीर कमजोरी, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों की निगरानी करने के लिए कहा गया है।
एडवाइजरी में कर्नाटक सरकार ने जिला अधिकारियों से निपाह के प्रकोप का जल्द पता लगाने के लिए एक व्यवस्थित निगरानी प्रणाली विकसित करने के लिए भी कहा है। उन्हें इस संबंध में जन जागरूकता फैलाने के लिए भी कहा गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने संभावित रोगियों से सभी आवश्यक सावधानियों के साथ उपयुक्त नमूने एकत्र किए जाने और प्रयोगशाला पुष्टि के लिए एनआईवी पुणे भेजे जाने की सलाह दी है।
क्या है निपाह वायरस
बता दें कि, निपाह वायरस ने केरल के कोझीकोड में एक 12 वर्षीय लड़के की जान ले ली है और कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमित कर दिया। यह एक एयरबोर्न संक्रमण नहीं है और वास्तव में चमगादड़ और सूअर से फैलने की संभावना है। यह सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी घातक साबित हो सकता है।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में कोविड जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। निपाह वायरस के सामान्य लक्षण खांसी, गले में खराश, चक्कर आना, उनींदापन, मांसपेशियों में दर्द, थकान, आदि हैं, जो सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, मानसिक भ्रम और दौरे भी पड़ सकते हैं।
कर्नाटक में कोविड का हाल
कर्नाटक में मंगलवार को कोविड-19 के 851 नए मामले सामने आए और 15 लोगों की मौत हो गई, जिससे संक्रमितों की कुल संख्या 29,56,988 और मरने वालों की संख्या 37,441 हो गई। राज्य में मंगलवार को 790 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी मिली। मंगलवार को जारी स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि, उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या 17,432 है। संक्रमण दर 0.71 प्रतिशत रही जबकि मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत है।