
नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शनिवार को एक अंतर-धार्मिक बैठक की। इसमें कई धर्मों के धर्मगुरु शामिल हुए। इस दौरान डोभाल ने कहा कि, यह बहुत अच्छी शुरुआत है। मैं आप सबका शुक्रिया अदा करता हूं। नसीरुद्दीन चिश्ती साहब ने अच्छे से बात रखी है। हमारी एकता बरकरार रहे। हमारे देश की तरक्की का फायदा हर धर्म और मजहब को मिलना चाहिए, लेकिन चंद लोग माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं।
देश की एकता को एक साथ बनाए रखना जरूरी
दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा, ‘दुनिया में संघर्ष का माहौल पैदा हो रहा है। अगर हमें उस माहौल का मुकाबला करना है तो देश की एकता को एक साथ बनाए रखना जरूरी है और सशक्त मुल्क की तरह आगे बढ़ें। पिछले कुछ सालों से देश जो तरक्की कर रहा है इसका जो लाभ होगा वो हर हिंदुस्तानी को होगा।
Instead of being mute spectators, we have to work on the ground on our differences along with strengthening our voices.We've to make every sect of India feel that we are a country together, we are proud of it & that every religion can be professed with freedom here:NSA Ajit Doval pic.twitter.com/z4CXsALZzd
— ANI (@ANI) July 30, 2022
कुछ तत्व खराब कर रहे माहौल
एनएसए अजीत डोभाल ने कहा, कुछ तत्व ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो भारत की प्रगति को बाधित कर रहा है। वे धर्म और विचारधारा के नाम पर कटुता और संघर्ष पैदा कर रहे हैं। यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है और देश के बाहर भी फैल रहा है।
हम एक साथ एक देश
उन्होंने यह भी कहा कि, मूकदर्शक बने रहने के बजाय हमें अपनी आवाज को मजबूत करने के साथ-साथ अपने मतभेदों पर जमीन पर काम करना होगा। हमें भारत के हर संप्रदाय को यह महसूस कराना है कि हम एक साथ एक देश हैं। हमें इस पर गर्व है और यह कि हर धर्म हो सकता है। यहां आजादी का इजहार किया।
कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने की जरुरत
इस बैठक में मौजूद हजरत सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि, “जब कोई घटना होती है तो हम निंदा करते हैं। यह कुछ करने का समय है। कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाने और प्रतिबंधित करने के लिए समय की आवश्यकता है। चाहे वह कोई भी कट्टरपंथी संगठन हो, पीएफआई सहित, अगर उनके खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
अंतरधार्मिक संवाद में सर्वसम्मति से लिया गया संकल्प
एनएसए की उपस्थिति में अंतरधार्मिक संवाद में सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया गया है कि, ‘पीएफआई और ऐसे किसी भी अन्य मोर्चों जैसे संगठन, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं और हमारे नागरिकों के बीच कलह पैदा कर रहे हैं, उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और देश के कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।’