amarnath yatra
Photo credit tiwtter-ANI and File

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    जम्मू-कश्मीर: आमरनाथ यात्रा में हिंदू श्रद्धालुओं को देखते हुए भारतीय सेना ने एक बड़ा काम किया है। सेना ने भूस्खलन में बालटाल मार्ग पर 2 पुलों के बह जाने के तुरंत बाद अमरनाथ यात्रा को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सबसे कम समय में पुल का निर्माण कर दिया। भूस्खलन से क्षतिग्रस्त बालटाल में बरारीमार्ग के पास स्थित दोनों पुल को चिनार कॉर्प्स द्वारा बहाल कर दिया गया है। आपको बता दें चिनार कॉर्प्स ने पुलों को फिर से बहाल करने के लिए रात भर पुनर्निमाण आपरेशन चला कर निर्माण का काम किया। जिससे अब फिर अमरनाथ यात्रा सुचारू रूप से शुरू हो गई है।

    गौरतलब है कि, 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा शुरू हुई है। खबर के अनुसार तापमान अचानक बढ़ने के बाद बालटाल मार्ग पर कालीमाता के पास नालों में बाढ़ आ गई थी। जिसके बाद भूस्खलन से ये पुल बह गया। इसके बाद चिनार कोर ने तत्काल इन पुलों को बनाने के लिए पूरा प्रयास किया। इस आपातकालीन निर्माण में हेलीकॉप्टर, खच्चरों के साथ ही सैनिकों ने खुद सामान ढो कर सेना की इंजीनियर रेजिमेंट ने मैन्युअल रूप से पुल के लिए संसाधनों को घटना स्थल पर जुटाया था। इसके बाद करीब 13 इंजीनियर रेजिमेंट ने मौसम और अंधेरे की भारी बाधाओं को पार करते हुएपुल को बना दिया।

    विदित है कि, हिन्दू धर्म के सबसे प्रमुख तीर्थस्थल पवित्र अमरनाथ धाम की यात्रा औपचारिक रूप से प्रारंभ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की थी। जिसे भगवती नगर आधार शिविर से 4,890 तीर्थयात्रियों को अमरनाथ यात्रा- 2022 के पहले जत्थे को कश्मीर के पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों की यात्रा के लिए रवाना किया था। अब भक्तों की संख्या में लगातार बड़ा इजाफा हो रहा है। जिसके चलते सुरक्षाबल , शाषन-प्रशासन चुस्त-दुरुस्त तैनात है। अमरनाथ यात्रा 2022 में भक्तों की सुरक्षा के लिए इतनी चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की गई है कि, अमरनाथ यात्रा में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है।