Bajrang Punia and Anurag Thakur
ANI/PTI Photo

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नई दिल्ली. पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और साक्षी मलिक (Sakshi Malik) की बुधवार को दिल्ली में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) के साथ हुई बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक के बाद बजरंग पुनिया ने कहा कि सरकार ने पुलिस की कार्रवाई 15 जून तक पूरी करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि उनका प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। प्रदर्शन चलता रहेगा।

बजरंग पूनिया ने कहा, “सरकार ने पुलिस की कार्रवाई 15 जून तक पूरी करने की बात कही है। प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे महिला, पुरुष खिलाडियों की सुरक्षा की भी बात कही है और 28 मई की रात को हम पर जितने भी मामले दर्ज हुए हैं वह वापस लेने की भी बात कही है। हमारा प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा।”

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “पहलवानों के साथ सकारात्मक बातचीत बहुत संवेदनशील मुद्दे पर हुई है। लगभग 6 घंटे चली इस बैठक में जिन मुद्दे पर चर्चा हुई है उसमें जो आरोप लगाए गए हैं उन आरोपों की जांच पूरी करके 15 जून तक चार्जशीट दायर की जाए और रेसलिंग फेडरेशन का चुनाव 30 जून तक किया जाए। रेसलिंग फेडरेशन की आंतरिक शिकायत समिति बनाई जाए और उसकी अध्यक्षता कोई महिला करे।”

ठाकुर ने कहा, “पहलवानों ने अनुरोध किया कि 3 कार्यकाल पूरा कर चुके बृजभूषण सिंह और उनके सहयोगियों को दोबारा नहीं चुना जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि पहलवानों के खिलाफ सभी एफआईआर वापस ली जाए।”

इससे पहले 24 जनवरी को खेल मंत्री और पहलवानों के बीच बातचीत हुई थी और पहलवानों ने आंदोलन खत्म कर दिया था।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए देश के नामी-गिरामी पहलवान पिछले दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया तथा साक्षी मलिक समेत कई नामी पहलवान शामिल हैं।

21 अप्रैल को एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया था। इसके बाद पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने 29 अप्रैल बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं जिनमें पहली एक नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है। हालांकि अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।