नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बुधवार को कहा कि जबतक समाज में भेदभाव है, तबतक आरक्षण जारी रहना चाहिए। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि भेदभाव भले ही नजर नहीं आये लेकिन यह समाज में व्याप्त है।
जब तक भेदभाव है तब तक जारी रहना चाहिए आरक्षण
उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक व्यवस्था में हमने अपने बंधुओं को पीछे छोड़ दिया। हमने उनकी देखभाल नहीं की और यह 2000 सालों तक चला। जबतक हम उन्हें समानता नहीं प्रदान कर देते हैं तबतक कुछ विशेष उपचार तो होने ही चाहिए और आरक्षण उनमें एक है । इसलिए आरक्षण तबतक जारी रहना चाहिए जबतक ऐसा भेदभाव बना हुआ है। संविधान में प्रदत्त आरक्षण का हम संघवाले पूरा समर्थन करते हैं।”
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: On reservations, RSS chief Mohan Bhagwat says, "We kept our own fellow human beings behind in the social system…We did not care for them, and this continued for almost 2,000 years…Until we provide them equality, some special remedies have to be… pic.twitter.com/kBxrlAYAgV
— ANI (@ANI) September 6, 2023
कुछ वर्गों ने 2000 सालों तक परेशानियां उठायी हैं
सरसंघचालक ने कहा कि यह केवल वित्तीय या राजनीतिक समानता सुनिश्चित करने के लिए नहीं, बल्कि सम्मान देने के लिए भी है। उन्होंने कहा कि भेदभाव झेलने वाले समाज के कुछ वर्गों ने 2000 सालों तक यदि परेशानियां उठायी हैं तो ‘‘क्यों न हम (जिन्होंने भेदभाव नहीं झेली है) और 200 साल कुछ दिक्कतें उठा सकते हैं?”
‘…हमेशा सबसे आगे रहेंगे’
नागपुर में एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “संघ की संस्कृति में, जहां भी राष्ट्र के गौरव और राष्ट्रीय ध्वज का सवाल होगा, संघ कार्यकर्ता अपने जीवन का बलिदान देने के लिए हमेशा सबसे आगे रहेंगे।”
भारत होना यानी भारत के स्वभाव को स्वीकार करना
वहीं, ‘अखंड भारत’ पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “…जो लोग भारत से अलग हो गए, उन्हें लगता है कि उन्होंने गलती की है…भारत होना यानी भारत के स्वभाव को स्वीकार करना।”