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पटना: बिहार की राजनीति में नई हलचल मची हुई है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) राजभवन पहुंचे। राजभवन में हाईटी का आयोजन किया गया है। हालांकि राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) नहीं आये। यही  नहीं उनके नाम की पर्ची भी हटा दी गई और उनके नाम की कुर्सी पर अशोक चौधरी बैठे हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस हाईटी में कांग्रेस के नेता भी शामिल नहीं हुए हैं। यह पहली बार है जब गणतंत्र दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में सरकार के सहयोगी शामिल नहीं हैं। 

यह घटनाक्रम इन अटकलों की पृष्ठभूमि में आया है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष कुमार, महागठबंधन का साथ छोड़ सकते हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी कर सकते हैं। इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया। इस अवसर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मौजूद थे। लेकिन जब राजभवन में हायटी का आयोजन किया गया, उसमें कांग्रेस और आरजेडी के नेता मौजूद नहीं थे। 

समारोह के दौरान राजभवन में नीतीश कुमार के बगल वाली कुर्सी पर पहले उपमुख्यमंत्री की पर्ची लगायी गई थी, लेकिन बाद में उसे हटाकर उस कुर्सी पर जद (यू) के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री अशोक कुमार चौधरी बैठ गए। वहीं चौधरी के बगल में बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विजय कुमार सिन्हा बैठे और वह नीतीश कुमार के साथ वार्तालाप करते हुए देखे गए। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में जलपान के आयोजन की पुरानी परंपरा रही है। हालांकि शिक्षा मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) राष्ट्रीय महासचिव आलोक कुमार मेहता राजभवन पहुंचे थे लेकिन तेजस्वी यादव और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी सहित पार्टी के कई अन्य नेता इसमें शामिल नहीं हुए।

नीतीश कुमार से जब समारोह में तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संक्षिप्त जवाब देते हुए कहा कि ‘‘जो नहीं आए उन्हें पूछिए।” इसके बाद वह अपने आधिकारिक आवास वापस लौट गए। ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाखुश नीतीश कुमार भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापसी की योजना बना रहे हैं। हालांकि भाजपा नेता कहते रहे हैं कि जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार के लिए दरवाजे बंद हैं और जद(यू) नेता भी कहते रहे हैं कि पार्टी मजबूती से ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ है।

वहीं समारोह समाप्त होने के बाद पत्रकारों के बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा से नीतीश कुमार के राजग में वापसी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रतिपक्ष के नेता के रूप में यहां हूँ। मुझे अटकलों के पीछे की सच्चाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जिसमें नेतृत्व द्वारा सामूहिक रूप से निर्णय लिये जाते हैं। जो भी निर्णय लिया जाएगा हम सभी उसका पालन करेंगे।” सिन्हा बृहस्पतिवार देर रात दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर आयोजित बिहार भाजपा नेताओं की बैठक में भी उपस्थित थे।  सिन्हा ने महागठबंधन में दरार की अफवाहों पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘यह एक ऐसा सवाल है जो आपको उसके सदस्यों से पूछना चाहिए।”