Mallikarjun Kharge, Rajouri encounter
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे FILE- PHOTO

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) की 102वीं कड़ी में अपने विचार  साझा किए। इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने रविवार (18 जून) ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आपके ‘मन की बात’ में पहले ‘मणिपुर की बात’ शामिल होना चाहिए था, लेकिन सब व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है सरकार मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं समझती।  

मणिपुर हिंसा को लेकर आपने एक शब्द नहीं बोला

कांग्रेस अध्यक्ष ने मणिपुर हिंसा को लेकर चिंता जाहिर की और ट्वीट करते हुए कहा, “सीमावर्ती राज्य (मणिपुर) में स्थिति अनिश्चित और अत्यधिक परेशान करने वाली है। ” खरगे ने पीएम मोदी से सवाल करते हुए कहा, “आपने एक शब्द नहीं बोला (मणिपुर हिंसा को लेकर)। साथ ही उन्होंने कहा, आपने (पीएम मोदी) एक भी बैठक की अध्यक्षता नहीं की है और आप अभी तक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से भी नहीं मिले हैं।

मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानती मोदी सरकार 

मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि आपकी सरकार मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। यह अस्वीकार्य है।” कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से यह भी कहा कि आपकी सरकार जरूरी कामों पर ध्यान नहीं दे रही है, जबकि मणिपुर जल रहा है।   

राज धर्म का करें पालन  

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को राज धर्म का पालन करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि राज्य में शांति भंग करने वाले सभी तत्वों पर सख्त कार्रवाई करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक समूहों को विश्वास में लेकर मणिपुर में पहले वाली सामान्य स्थिति को बहाल करें। खरगे ने सर्वदलीय पार्टी के एक डेलिगेशन को मणिपुर का दौरा करने की परमिशन देने की मांग की।  

‘‘तो एक और ‘मन की बात’ लेकिन ‘मणिपुर पर मौन’: जयराम रमेश

मणिपुर की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘तो एक और ‘मन की बात’ लेकिन ‘मणिपुर पर मौन’। आपदा प्रबंधन में भारत की जबरदस्त क्षमताओं के लिए प्रधानमंत्री ने खुद की पीठ थपथपाई। पूरी तरह से मानव निर्मित उस मानवीय आपदा का क्या, जिसका सामना मणिपुर कर रहा है।” इससे पहले रविवार को रेडियो पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं है, लेकिन आपदा प्रबंधन की जो ताकत भारत ने वर्षों से विकसित की है, वह आज मिसाल बन रही है।

हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की गई जान

रमेश ने ट्विटर पर कहा, ‘‘अभी भी उनकी (प्रधानमंत्री) ओर से शांति की अपील नहीं की गई है। एक गैर-लेखापरीक्षा योग्य ‘पीएम-केयर फंड’ है, लेकिन क्या प्रधानमंत्री को मणिपुर की भी परवाह है, यही असली सवाल है।” बता दें कि मणिपुर में करीब एक महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के बीच भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है।