चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी (Punjab CM Charnjeet Singh Channi) ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की और केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने लखीमपुर हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं।
एक बयान के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद चन्नी की शाह से पहली मुलाकात है। बैठक के बाद चन्नी ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री के साथ लखीमपुर खीरी घटना का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बर्बर घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती हैं। उन्होंने मांग की कि कृषि कानूनों को जल्द से जल्द वापस लिया जाए। चन्नी ने पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए जाते समय जिस तरीके से रास्ते में उनके नेताओं को गिरफ्तार किया गया, उसकी निंदा की और कहा कि यह रुकना चाहिए। सीमा पार से राज्य में मादक पदार्थों और हथियारों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए चन्नी ने शाह से व्यक्तिगत हस्तक्षेप कर सीमा को सील करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य में आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने में मदद मिलेगी। करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने का मुद्दा उठाते हुए चन्नी ने शाह से कहा कि इस बारे में जल्द निर्णय करें ताकि ऐतिहासिक स्थल पर श्रद्धालु मत्था टेक सकें। चन्नी ने कहा कि इस मुद्दे पर शाह ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही विस्तृत विचार-विमर्श के बाद कॉरिडोर को फिर से खोलने पर निर्णय करेंगे। करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है।
I met Union Home Minister Amit Shah and urged him to repeal the three farm laws. I also asked him to seal the international border with Punjab to curb trafficking of drugs & weapons: Punjab CM Charanjit Singh Channi https://t.co/MQ9RFfmjil pic.twitter.com/bnbsCprsMK
— ANI (@ANI) October 5, 2021
इससे पहले चन्नी ने राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों के साथ चंडीगढ़ में गांधी स्मारक भवन परिसर में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में सोमवार को मूक प्रदर्शन किया । चन्नी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुयी हिंसा ने उन्हें 1919 की जलियांवाला बाग घटना की याद दिला दी ।
बहरहाल, गांधी स्मारक भवन पर कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद नहीं थे। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल किसानों के शुरू हुये विरोध प्रदर्शन के बाद से रविवार को सबसे खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। मरने वालों में चार किसान थे, जिन्हें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत के लिए एक कार्यक्रम में जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से वाहनों से कुचल दिया था। अन्य लोग भाजपा के कार्यकर्ता और उनके चालक थे, जिन्हें वाहन से खींच कर बाहर निकाला गया और पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी गयी ।
इसके अलावा दो कारों को आग के हवाले कर दिया गया । चन्नी ने आरोप लगाया कि किसानों की ‘‘हत्या” जानबूझ कर की गयी है । केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर बरसते हुये चन्नी ने कहा कि उन्हें देश के युवाओं को देश में दोबारा लोकतंत्र ‘बहाल’ करने के लिए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और शहीद उधम सिंह जैसे शहीदों की ओर देखने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।
चन्नी ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना ‘‘दुखद” है और तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को तत्काल प्रभाव से वापस लिये जाने की मांग की। पंजाब के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर जिस तरीके से एसयूवी कार को पीछे से चढाया गया और उनकी हत्या की गयी, वह जानबूझ कर किया गया था ।”
उन्होंने इसके लिये उस वीडियो क्लिप का जिक्र किया जिसमें इस तरह की घटना दिख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की आवाज को पहचानना आवश्यक है । लोकतंत्र में सरकारों को लोगों की इच्छा के अनुसार काम करना चाहिये ।” उन्होंने कहा, ‘‘आज किसान दुखी हैं और वे मर रहे हैं । इस पर विचार करते हुये, इन (कृषि) कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिये ।” उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोका जाना चाहिये ।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘(नरेंद्र) मोदी जी को उनके भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों को रोकना चाहिये । देश में यह नहीं चलेगा ।” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा की उत्तर प्रदेश में हिरासत के बारे में चन्नी ने कहा, ‘‘अब यह बहुत हो गया । यह अस्वीकार्य है । आज सभी देशवासियों का खून खौल रहा है।” (एजेंसी)