नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वर्गीय ब्रिगेडियर शशिकांत वासवदा (रिटायर्ड) की उनकी बेटी ने 12 हजार किमी से अधिक दूरी तय की। वह अमेरिका के टेक्सास शहर से अपने पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए कारगिल पहुंची।
दरअसल, पिता शशिकांत ने इच्छा जताई थी कि भले ही उनका अंतिम संस्कार विदेश में हो, लेकिन अस्थियां उस मिट्टी में मिलनी चाहिए, जहां उन्होंने शौर्य गाथा लिखी थी। बेटी ने अपने पिता की यह आखिरी इच्छा पूरी करते हुए शनिवार (2 सितंबर) को कारगिल की शिंदो नदी में उनकी अस्थियां प्रवाहित कर भावभीनी विदाई दी। इस क्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Soldiers never die, they fade away to Glory’ Daughter of Late Brig Shashikant Vasavada (Retd), Second in Command (later Commanding Officer) of 9 JAK LI during the 1971 operations came from the USA to Kargil in accordance with the last wish of her father which was to immerse his… pic.twitter.com/grMmc5qVWY
— ANI (@ANI) September 3, 2023
बता दें कि शशिकांत वासदा वह रिटायरमेंट के बाद अपने परिवार के साथ टेक्सास में बस गए थे। उनका 11 जुलाई 2023 को टेक्सास के सिबोलो में निधन हो गया।
ब्रिगेडियर शशिकांत वासवदा ने 1971 की जंग में ऑपरेशन के दौरान 9 JAK LI के सेकंड इन कमांड थे। बाद में कमांडिंग ऑफिसर बनाए गए थे। वासवदा 1971 के युद्ध के दौरान कारगिल टाउन की ओर देखने वाले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पीटी 13620 पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन चलाने में सहायक थे। यह प्वाइंट हाल ही में भारतीय सेना: फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स, भारतीय सेना द्वारा पर्यटकों के लिए खोला गया था।