Anand Subramaniam
File Photo

    Loading

    नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने ‘को-लोकेशन’ घोटाले (Co-Location Case) के सिलसिले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन (Anand Subramanian) द्वारा दायर की गई जमानत याचिका पर मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का रुख जानना चाहा। 

    आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने दलील दी कि एक अधूरा आरोपपत्र मामले में दाखिल किया गया है और दंड प्रक्रिया संहिता के तहत अनिवार्य जमानत दिये जाने की मांग की। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने तब नोटिस जारी कर सीबीआई का जवाब मांगा। 

    पूर्व समूह संचालन अधिकारी को सीबीआई ने 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था और उन्हें हिरासत में रख कर पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लिया था। उन्हें नौ मार्च को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।  अधिवक्ता आलोक त्रिपाठी के मार्फत दायर अपनी जमानत याचिका में सुब्रमण्यन ने कहा है कि एक निचली अदालत ने मामले में 28 मई को जारी एक आदेश के जरिये उनकी जमानत याचिका गलत तरीके से खारिज कर दी थी।

     

    देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में अनियमितता के बारे में नये खुलासे होने के बीच मई 2018 में मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।  सीबीआई बाजार एक्सचेंज के कंप्यूटर सर्वर से शेयर दलालों को सूचना कथित तौर पर अनुचित तरीके से भेजे जाने की जांच कर रही है।  जांच एजेंसी ने मामले में यह भी आरोप लगाया है कि एनएसई और इसके शीर्ष अधिकारियों ने समूह संचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के तौर पर सुब्रमण्यन की नियुक्ति से जुड़े सुरक्षा अनुबंध नियमों का उल्लंघन किया। 

    यह भी आरोप लगाया गया है कि सुब्रमण्यन के साथ एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण ने प्रबंध निदेशक (एमडी) के तौर पर अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया और नये पद सृजित कर उन्हें (सुब्रमण्यन को) अपना मुख्य रणनीतिक सलाहकार एवं कंसल्टेंट नियुक्त कराया। आरोप है कि रामकृष्ण ने एनएसई में निधार्रित प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए ऐसा किया। 

    रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर थीं।  उल्लेखनीय है कि निचली अदालत ने दो अन्य मौकों पर भी, 12 मई और 24 मार्च को सुब्रमण्यन की जमानत अर्जियां खारिज कर दी थीं।  मामले में अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।(एजेंसी)