Sanjay Singh
PTI Photo

Loading

नई दिल्ली. दिल्ली आबकारी निति/शराब घोटाला मामले (Liquor scam case) में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) को राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने गुरुवार को 10 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने आप सांसद से पूछताछ के लिए 10 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था।

हम डरने वाले नहीं: सिंह

कोर्ट से बाहर आने के बाद संजय सिंह ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोपों को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा, “झूठे और बेबुनियाद आरोप, हम डरने वाले नहीं हैं, हम जवाबी लड़ाई लड़ेंगे।” इससे पहले कोर्ट के अंदर जाते हुए संजय सिंह ने कहा, “यह अन्याय है मोदी जी का, हारेंगे मोदी, मोदी जी चुनाव हार रहे हैं इसलिए ऐसा कर रहे हैं।”

हास्यास्पद आधार

संजय सिंह की गिरफ्तारी पर उनके वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, “अदालत ने आज दलीलों पर विचार करने के बाद संजय सिंह को उनके द्वारा मांगे गए दस दिनों में से पांच दिन की रिमांड दे दी है। ये हैं हास्यास्पद आधार है, लेकिन कोई सबूत ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में वे (ईडी) रत्ती भर भी सबूत पेश नहीं कर पाए। कोर्ट ने बहुत सख्त टिप्पणी की है।”

कोर्ट में क्या बोले संजय सिंह

आप नेता ने मामले में अब सरकारी गवाह बन गए आरोपी कारोबारी दिनेश अरोड़ा से दो करोड़ रुपये मिलने के ईडी के दावे को खारिज करते हुए कहा, “सर, अमित अरोड़ा ने दसियों बयान दिये, दिनेश अरोड़ा ने कई बयान दिये, लेकिन उन्हें मेरा नाम याद नहीं रहा। मैं इतना भी अनजान नहीं हूं कि वे मेरा नाम भूल गये। अब उन्हें अचानक याद आया…कोई अलग कानून नहीं है। मुझे एक बार भी समन नहीं किया गया। मेरे लिए अलग कानून क्यों?”

सिंह को मिले तीन करोड़ रुपये

सुनवाई के दौरान ईडी ने सिंह की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि कई लोगों से पूछताछ और उनका आमना-सामना कराया जाना बाकी है। एजेंसी ने कहा कि वह सिंह के फोन से निकाले गए डेटा को लेकर भी उनसे पूछताछ करना चाहती है। ईडी ने आरोप लगाया कि सिंह को दो किस्तों में तीन करोड़ रुपये मिले। ईडी ने कहा, “पैसा उनके आवास पर पहुंचाया गया। दिनेश अरोड़ा ने उनसे (पैसे पहुंचने के बारे) में पूछा, तो उन्होंने (सिंह ने) इसकी पुष्टि की… जांच में पता चला है कि दो करोड़ नकद दिया गया था। कुल तीन करोड़ रुपये दिए गए।”

जब एजेंसी ने कहा कि वह सिंह का सामना उनके मोबाइल फोन से निकाले गए डिजिटल सबूतों से कराना चाहती है, तो अदालत ने उसके वकील से कहा कि ऐसे उन्हें हिरासत में लिये बिना भी किया जा सकता है। न्यायाधीश ने कहा, “आप फोन से उनका सामना क्यों करना चाहते हैं? आप वैसे भी डेटा निकाल सकते हैं।”

दिनेश अरोड़ा भरोसेमंद नहीं

सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने उनकी हिरासत की मांग करने वाली ईडी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी का गवाह दिनेश अरोड़ा भरोसेमंद नहीं है। सिंह के वकील ने कहा, “वह पहले आरोपी था, फिर गवाह बन गया। उसका रुख बदल रहा है। वह अभियुक्त है, सरकारी गवाह बन गया, बयान देता है; (लेकिन) बयान ईडी के अनुकूल नहीं है, (इसलिए) ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया और वह ईडी मामले में सरकारी गवाह बन गया। वह बयान बदलता है और ईडी ने उसके बयान के आधार पर मुझे गिरफ्तार कर लिया।” उन्होंने ईडी पर सिंह को गिरफ्तार कर अपमानित करने का आरोप लगाया। माथुर ने कहा, “अलग-अलग एजेंडे हैं। पिछले डेढ़ साल से डीए (दिनेश अरोड़ा) उनके हाथ में है। बयान पहले दिया गया था। अब इसे क्यों लाया जा रहा है। एक बार जब आपके पास (अरोड़ा का) बयान आ गया, तो आपने मुझे स्पष्टीकरण के लिए नहीं बुलाया। आप मुझे गिरफ्तार करके अपमानित करना चाहते हैं।” (एजेंसी इनपुट के साथ)